नमो-नीतीश के रास्ते पर चले बिना वंशवादी नेताओं के पास कोई चारा नही: राजीव रंजन

पटना:  विपक्ष को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा “ हालिया चुनाव के बाद विरोधी दलों में मचा घमासान उनकी अपनी करनी का फल है. यह दिखाता है कि जनता को मुर्ख बनाने की कोशिश करने का अंजाम क्या होता है. यह चुनाव नमो-नीतीश के मानवतावादी विकास बनाम वंशवाद का था जिसमे जनता ने नमो-नीतीश के कामों पर अपनी मुहर लगाते हुए विरोधियों के वंशवाद को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया. राजद-कांग्रेस जैसे परिवारवादी दलों ने समाजवाद की आड़ में एक पूरी राजशाही व्यवस्था स्थापित कर रखी थी,

उसे जनता बखूबी समझ चुकी है. यही वजह है कि बिहार में राजद और 18 राज्यों में कांग्रेस का खाता तक नही खुला और कमोबेश यही हाल इनके अन्य सहयोगियों का भी रहा है. दरअसल बिहार में 13 साल और केंद्र में 5 साल एनडीए की सरकार देखने के बाद जनता को समझ में आ चुका है कि विकास किसे कहते हैं. लोगों ने देखा है कि कैसे जिन कामों को कांग्रेस 70 सालों में नही कर सकी वह सब मोदी सरकार ने महज 5 सालों में ही कर के दिखा दिए और अब एनडीए के प्रति लोगों का भरोसा पहले से भी ज्यादा अटूट हो चुका है. यही वजह रही कि इन चुनावों में बिहार की 243 विधानसभा सीटों में महागठबंधन को मात्र 17 सीटों पर ही बढ़त मिल सकी.

यह इन दलों को जनता का स्पष्ट संदेश है कि महज झूठ और दुष्प्रचार के सहारे जनता को बरगलाने के दिन अब लड़ चुके हैं. अब सिर्फ बोल देने भर से जनता किसी का विश्वास करने वाली नही है, बल्कि इसके लिए उन्हें धरातल पर आ कर जनता के बीच काम करना होगा. विरोधी यह समझ लें कि लोकतंत्र में जनता ही मालिक होती है, पार्टी चलाने वाला कोई नेता और उसका परिवार नही. जनता का यह रुख विरोधियों के लिए एक चेतावनी है कि अगर उन्हें अपनी राजनीति बचानी है, तो उन्हें वंशवाद के बजाए नमो-नीतीश के मानवतावादी विकास के रास्ते पर ही चलना होगा, नही तो उनकी और बुरे दिन आने से कोई नही रोक सकता. ”

 

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