गर्भधारण के बाद दो साल तक ले सकती हैं पात्र लाभार्थी पीएमएमवीवाई का लाभ
Date posted: 10 November 2021
नोएडा: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का लाभ यदि सामान्य समय सीमा के अंदर नहीं लिया है तो इसकी पात्रता गर्भधारण (अंतिम मासिक चक्र) से 730 दिन तक बनी रहती है। यानि बच्चे के जन्म के 460 दिन तक पात्र लाभार्थी इस योजना का लाभ ले सकती है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया- वर्ष 2017 से शुरू हुई इस योजना का लाभ वह महिलाएं भी ले सकती हैं, जिन्होंने पहला बच्चा होने पर सामान्य समय सीमा के अंदर इसका लाभ नहीं लिया और बच्चा अब 460 दिन का हो चुका है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया नियमानुसार महिला गर्भधारण यानि अंतिम मासिक चक्र (एलएमपी) से 730 दिन तक इसकी पात्र बनी रहती है। बशर्ते उसने योजना की किसी भी किस्त का भुगतान नहीं लिया हो। उन्होंने बताया ऐसी लाभार्थी के पास बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, टीकाकरण कार्ड, मां का टीकाकरण कार्ड जिस पर अंतिम मासिक चक्र की तिथि दर्ज हो, चिकित्सक का पर्चा, मदर चाइल्ड प्रोटेक्शन (एमसीपी) कार्ड अथवा निजी अस्पताल द्वारा दी गई बुकलेट होना जरूरी है।
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक पारस गुप्ता ने शासनादेश का हवाला देते हुए बताया- लाभार्थियों को योजना के उद्देश्य को पूरा करने के लिए वरीयता शर्तों की पूर्ति के ठीक बाद आवेदन करना होता है। यदि वह सामान्य समय सीमा के अंदर आवेदन नहीं कर पाती है तो भी योजना का लाभ देने पर विचार किया जा सकता है।
1. नियमानुसार गर्भधारण के 730 दिन बाद योजना के अंतर्गत मातृत्व का कोई दावा स्वीकार्य नहीं किया जाता। एमसीपी कार्ड में दर्ज एलएमपी इस संबंध में विचार के लिए गर्भधारण की तिथि होगी।
2. पात्रता के मापदंडों एवं शर्तों की पूर्ति के अधीन किस्तों का दावा स्वतंत्र रूप किया जा सकता है।
3. लाभार्थी किसी भी समय परंतु गर्भधारण के अधिकतम 730 दिन के अंदर आवेदन कर सकती है, भले ही उसने पहले किसी किस्त के लिए दावा न किया हो, परंतु लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता के मापदंडों एवं शर्तों को पूरा करती हो।
4. ऐसे मामलों में जहां एमसीपी कार्ड में एलएमपी तिथि दर्ज नहीं हैं अर्थात लाभार्थी योजना के अंतर्गत तीसरी किस्त का दावा करने के लिए आ रही है तो ऐसे मामलों में दावा बच्चे के जन्म की तिथि से 460 दिन के अंदर प्रस्तुत करना अनिवार्य है तथा अवधि के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अनुसरण में देश के सभी जिलों में एक जनवरी 2017 से मातृत्व लाभ कार्यक्रम- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना लागू है। इस योजना के तहत पहली बार मां बनने पर महिलाओं को तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिये जाते हैं। यह धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।
पीएमएमवीवाई के उद्देश्य
योजना का उद्देश्य मजदूरी की क्षति के बदले में नकद राशि को प्रोत्साहन के रूप में क्षतिपूर्ति प्रदान करना है ताकि महिलाएं अपने पहले बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त विश्राम कर सकें। प्रदान की गयी नकद प्रोत्साहन राशि से गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं में स्वस्थ रहने के आचरण में सुधार होगा।
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