ई-वे बिल सत्यापन करते हुए प्रभावी प्रर्वतन कार्य सुनिश्चित करें: अमृता सोनी
Date posted: 8 September 2020
लखनऊ: वाणिज्य कर आयुक्त उत्तर प्रदेश अमृता सोनी ने मख्यमंत्री द्वारा जीएसटी राजस्व संग्रह बढ़ाए जाने एवं जीएसटी में पंजीयन कराए जाने के निर्देशों के क्रम में समस्त जोनल एडीशनल कमिश्नर वाणिज्य कर एवं एडीशनल कमिश्नर प्रवर्तन वाणिज्य कर के साथ आज वीडियो काफ्रेन्सिंग की। उन्होंने जीएसटी राजस्व संग्रह वृद्धि हेतु नियत किये गये कार्यात्मक लक्ष्य यथा नए पंजीयन का सत्यापन, रिटर्न का दाखिला, नॉन फाइलर के विरूद्ध विधिक कार्यवाही, रिटर्न की स्क्रूटनी, रेड फ्लैग डीलर्स की प्राथमिकता से स्क्रूटनी, वैट के कालबाधित वादों का निस्तारण, एसआईबी व ऑडिट के वादों का कर निर्धारण, वैट बकाया वसूली, बकाया वसूली की ब्याज माफी योजना एवं रिफण्ड का सत्यापन के सभी पैरामीटरवार ऑनलाइन डाटा से समीक्षा की।
सोनी ने जोनवार सभी अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देश से अवगत कराते हुए कहा कि जीएसटी राजस्व संग्रह सरकार के विकासात्मक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण स्रोत है। उन्होंने कहा कि अनलॉक-4 के अन्तर्गत सभी आर्थिक गतिविधियों के प्रारम्भ हो जाने के उपरांत जीएसटी राजस्व संग्रह में कमी स्वीकार्य नहीं होगी, इसके लिए विभाग के सभी पदीय दायित्वों पर कार्यरत अधिकारियों द्वारा कार्य किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता की गयी हो उनके नाम, पदनाम संस्तुति सहित इस कार्यालय को प्रेषित किया जाए। उन्होंने बताया कि माह अगस्त, 2020 में 5329 करोड़ रुपए का राजस्व जमा हुआ है, जो अगस्त, 19 में जमा राजस्व 5126 करोड़ रुपए से 04 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में माह अगस्त तक विभाग में 23790 करोड़ रुपए का राजस्व जमा हुआ है।
वाणिज्य कर आयुक्त ने समीक्षा में समस्त जोनल अधिकारियों को निर्देश दिये कि मार्च व अप्रैल माह के रिटर्न दाखिला की अन्तिम तिथि व्यतीत हो चुकी है। इनके शत-प्रतिशत रिटर्न दाखिल हो जाने चाहिए और 5 करोड़ रुपए से कम टर्नओवर के पूर्व के सभी माहों की रिटर्न दाखिल होने की अन्तिम तिथि माह सितम्बर तक विस्तारित थी इनके भी रिटर्न सितम्बर में देय कर के साथ जमा कराए जाएं। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर, 2020 तक प्रचलित वैट ब्याज माफी वसूली योजना में अधिक से अधिक व्यापारियों को सम्मिलित करके पूर्व के बकाया वैट राजस्व को जमा कराए जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी क्रियाशील मानकों पर नियमित मॉनिटरिंग की जाए और सम्भागीय व जोनल स्तर पर साप्ताहिक व पाक्षिक वीडियो काफ्रेन्सिंग भी की जाए। उन्होंने कहा कि संभावित करापवंचन पर अंकुश लगाने हेतु सचल दल इकाईयों व विशेष अनुसंधान शाखा इकाईयों को पूर्ण सक्रिय किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि ई-वे बिल सत्यापन करते हुए प्रभावी प्रर्वतन कार्य सुनिश्चित कराया जाए।
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