घोटालों और आतंकराज के युग की शुरुआत थी राजद की स्थापना: राजीव रंजन
Date posted: 6 July 2021
पटना: राजद को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने आज कहा कि बिहारवासियों के लिए राजद के इतिहास को जानना और उसे याद रखना काफी जरूरी है. 1997 में इस दल की स्थापना के साथ ही बिहार में घोटालों और हैवानियत का जो नंगा नाच शुरू हुआ था, उसे याद करके आज भी लोगों के रोयें खड़े हो जाते हैं.
उन्होंने कहा कि यह उनके आतंकराज की ही देन है कि बिहार के उद्योगपतियों, नामी डॉक्टरों, छात्रों यहां तक कि आम जनता को भी न चाहते हुए भी अपना घर-बार छोड़ राज्य से बाहर जाना पड़ा. उनके राज में कितने घर उजड़े हैं, कितनी माताओं की गोद सुनी हुई है और कितने बच्चे अनाथ हुए हैं, उसकी गिनती करना भी मुश्किल है. जातीय नरसंहार और नक्सली उग्रवाद के चलते खेती-किसानी चौपट हुई, वहीं हत्या, लूट और उद्यमियों-व्यवसायियों से फिरौती वसूलने के लिए अपहरण की बढ़ती घटनाओं के चलते व्यापार ठप पड़ गया था. ग्रामीण और शहरी, दोनों अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर राजद की तत्कालीन सरकार ने हर वर्ग के लोगों की रोज़ी रोटी छीनी और उनको पलायन के लिए मजबूर कर दिया.
श्री रंजन ने कहा कि राजद के ही कारण बिहारी शब्द का प्रयोग गाली के समान होने लगा था. लोग यह कभी भूल ही नहीं सकते कि कैसे एक परिवार की जिद और अहंकार के कारण बिहारियों को हर जगह अपमान झेलना पड़ता था. राजद के काल में हुए गुनाहों की फेहरिश्त इतनी लंबी है कि लोग उसे माफ़ करना तो दूर वैसा सोच भी नहीं सकते. फिरौती के लिए कौन कब और कहां उठा लिया जाए, इसके लिए लोग दिन में भी घर से निकलने से डरते थे. आज भी इनके तेवर देखें तो साफ़ पता चलता है कि इनके रवैए में कोई फर्क नहीं आया है. मौका मिलने पर यह अपने बिहार को एक बार फिर से लालटेन युग में पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाले.
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