फेल केजरीवाल दिल्लीवालों को करना चाहते हैं हाउस अरेस्ट: आदेश गुप्ता
Date posted: 18 November 2020
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की संवेदनहीनता, अज्ञानता और निकम्मेपन के कारण दिल्ली कोरोना के ग्रास में फिर से आ रही है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने आदेश गुप्ता ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कई बार कहने के बाद भी दिल्ली सरकार ने आज तक सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई, कोरोना मामलों से निपटने के लिए विपक्ष द्वारा दिए गए एक भी लिखित सुझावों को नहीं माना, केंद्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लंघन किया और अब अपनी नाकामी छुपाने के लिए दोबारा से लॉकडाउन लगाने की बात कर रही है। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार उपस्थित थे।
आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में साप्ताहिक बाजारों को दोबारा बंद करने और शादियों में 200 लोगों की अनुमति के निर्णय को वापस लेते हुए 50 लोगों को अनुमति देने के निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि डीटीसी बसों को पूरी क्षमता के साथ लोगों को बैठाने की अनुमति देने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बताएं कि क्या डीटीसी बसों, ग्रामीण सेवा, ई-रिक्शा में बड़ी तादाद में सवारियों के बैठने से कोरोना नहीं फैलेगा? ईद पर बाजार खोल दिए, केंद्र सरकार की अनुमति के बिना शराब के ठेके खोल दिए, बिना अनुमति के साप्ताहिक बाजार खोल दिए लेकिन जब हिंदुओं के त्यौहार चल रहे हो तब मुख्यमंत्री केजरीवाल के अनुसार उनके आयोजन से कोरोना फैलेगा। कोरोना के नाम पर व्यापारियों को ठगना, उनके व्यापार को नुकसान पहुंचाना, बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का अपमान करना, हिंदू त्योहारों पर प्रतिबंध लगाकर हिंदुत्व का अपमान करके करोड़ों खर्च कर अपनी फोटो चमकाने के अलावा मुख्यमंत्री केजरीवाल कोई भी काम नहीं कर रहे हैं। दिवाली पर अक्षरधाम मंदिर में करोड़ों रुपए खर्च करके बिना मास्क के डांस प्रोग्राम करवा कर राजनीतिक पब्लिसिटी करने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उन पैसों से मोहल्ला क्लीनिकों को क्वारंटीन सेंटर बना देते और वहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करते, डॉक्टर उपलब्ध करवाते तो आज कोरोना की समस्या इतनी व्यापक रूप से नहीं बढ़ती।
आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के आज के निर्णय ने दिल्ली सरकार की प्रशासनिक नाकामी को उजागर किया है। समय रहते दिल्ली सरकार ने काम नहीं किया इसलिए दोबारा मोदी सरकार के नेतृत्व में माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी को हस्तक्षेप कर दिल्ली की कमान अपने हाथ में लेनी पड़ी है। कोरोना और प्रदूषण दोनों पर केजरीवाल सरकार फेल है, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी कई बार दिल्ली सरकार को इस बाबत फटकार लग चुकी है लेकिन दिल्ली सरकार है कि सुधरने का नाम नहीं ले रही है और न ही दिल्ली के लोगों के हित में काम कर रही है। जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने प्रचार में इस्तेमाल कर हैं, क्योंकि उन्हें दिल्ली की जनता की कोई परवाह नहीं है, अगर परवाह होती तो आज न तो लोग कोरोना और न ही प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे होते।
आदेश गुप्ता ने कहा कि जहां पूरे देश में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं वहीं दिल्ली में लगातार बढ़ते जा रहे हैं और दिल्ली सरकार निश्चिंत होकर बैठी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल सप्ताहिक बाजार खोलने से लेकर डीटीसी बसों को फुल कैपेसिटी से चलाने की अनुमति दी और लोगों को कोरोना से मरने के लिए छोड़ दिया। दिल्ली सरकार इस समय जो भी कदम उठा रही है वह दिल्ली के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए नाकाफी है। अरविंद केजरीवाल क्या सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रचार करने के लिए ही मुख्यमंत्री बने हैं? क्या अरविंद केजरीवाल को उनके मुख्यमंत्री पद के दायित्व और जनता से किए गए वादों को को याद दिलाने की जरूरत है? क्या क्रेडिट लेने की होड़ में मुख्यमंत्री केजरीवाल वास्तव में जमीन पर कार्य करना भूल चुके हैं?
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