न्याय के लिए कई सालों से भटक रहा किसान, नोएडा प्राधिकरण मौन
Date posted: 2 September 2021
नोएडा: उत्तर प्रदेश के हाइटेक शहर नोएडा के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले किसान अपनी समस्याओं के निस्तारण ना होने की वजह से नोएडा विकास प्राधिकरण से बेहद नाराज चल रहे है।जिसकी वजह से आज किसान बड़ी संख्या में नोएडा प्राधिकरण पर एक बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं।इस आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए किसानों ने नोएडा के विभन्न गांवों में पंचायत करके लोगों को जागरुक करने का कार्य किया है।किसान नेताओं का कहना है कि किसानों की अनेक समस्याएं होने के बाद भी नोएडा प्राधिकरण ना तो उन्हें सुनने को तैयार नही है।
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी लगातार उनकी मांगों को नजरअंदाज करते आ रहे हैं।विड़बना यह है कि प्राधिकरण ने साल 1932 के बाद किसानों की कोई भी आबादी नहीं मानी।प्राधिकरण ने किसानों के घर पर अधिग्रहण कर लिया है।यह सिर्फ एक या दो गांव की बात नहीं बल्कि नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले 81 गांव की बात है।किसानों की मांग है कि 1932 के बाद की भी जमीन किसानों के नाम पर दर्ज हो।नोएडा प्राधिकरण द्वारा की जा रही ज्यादती का एक जीता जागता उदहारण बरौला निवासी जयपाल है।जो न्याय के लिए करीब दस सालों से प्राधिकरण के दफ्तर के चक्कर काट रहा है।लेकिन फिर भी नोएडा प्राधिकरण उसकी सुनने को तैयार नही।आपको बता दे कि नोएडा के गांव बरौला सैक्टर-49 के रहने वाले जयपाल सिंह की गांव शहदरा सैक्टर-140 में जमीन थी जिसका नोएडा प्राधिकरण ने अधिग्रहण कर लिया था।किसान का आरोप है कि प्राधिकरण द्वारा नोएडा के शहदरा गांव सैक्टर-140 में कुछ किसानो की भूमि अर्जित की थी।जिसके एवज में प्राधिकरण ने सभी किसानों को आवासीय भूखंण्ड देने का निर्णय लिया था।सभी किसानों को आवासीय भूखंण्ड मिल चुका है लेकिन मुझको आवंटन पत्र जारी होने के बाद भी आज तक कब्जा नही मिला।दस सालों से प्राधिकरण के दफ्तर के चक्कर काट रहा हूँ।लेकिन कोइ सुनने को तैयार नही है।मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि मेरे लिए जारी हुयी आवासीय भूखंण्ड को प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपने निजी स्वार्थों के लिए किसी को बेच दिया है।इस मामले को देख कर तो सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी याद आती है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा एक भ्रष्ट निकाय है।इसकी आंख, नाक, कान और यहां तक कि चेहरे तक से भ्रष्टाचार टपकता है।अब देखना ये है कि नोएडा प्राधिकरण के उच्च अधिकारी इस मामले पर क्या कारवाई करते है।
Facebook Comments