आलू बीज उत्पादन की टैगिंग कराने पर किसानों को मिलेगा 25 हजार रू. की अनुदान
Date posted: 24 September 2020
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीराम चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार ने आलू किसानों के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु आलू बीज वितरण/विक्रय की दरें तय कर दी हैं। निर्धारित दरों पर प्रदेश के किसान अपने जनपदीय उद्यान अधिकारी से नकद मूल्य पर बीज प्राप्त कर आलू का बीज उत्पादन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह आलू बीज आधारित प्रथम, आधारित द्वितीय तथा प्रमाणित श्रेणी का है, इससे आगामी वर्षों के लिए बीज तैयार किया जा सकता है इस प्रकार उत्तर प्रदेश मेें आलू के गुणवत्ता युक्त बीज की कमी की पूर्ति आसानी से हो सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के आलू कृषक अपने जिले के उद्यान अधिकारी से मिलकर सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर आलू बीज प्राप्त करके अपने निजी प्रक्षेत्रों पर बीज उत्पादन कर सकते हैं।
उद्यान राज्यमंत्री के अनुसार सफेद एवं लाल आलू बीज प्रजातियों की विक्रीय दरें एकसमान रखी गयी हैं। आधारित प्रथम आलू बीज की प्रस्तावित दर 3150 रू0 प्रति कुन्तल, आधारित द्वितीय आलू बीज की दर 2675 रू0 प्रति कुन्तल, ओवर साइज (आधारित प्रथम) की दरें 2455 रू0 प्रति कुन्तल, ओवरसाइज (आधारित द्वितीय) की दरें 2395 रू0 प्रति कुन्तल, सीड साइज (ट्रुथफुल) आलू बीज की प्रस्तावित विक्रय दर 2280 रू0 प्रति कुन्तल रखी गयी है।
श्री चौहान ने बताया कि प्रसंस्कृत प्रजातियों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से पंजीकरण के उपरान्त आलू बीज उत्पादन की टैगिंग कराने पर किसानों को 25 हजार रू0 प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान देने की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की गयी है। आलू की प्रसंस्कृत प्रजातियां मुख्य रूप से कुफरी, चिपसोना-1, 3 एवं 4 तथा कुफरी सूर्या आदि हैं।
श्री चौहान ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा किसानों को नकद मूल्य पर आधारित प्रथम, द्वितीय तथा प्रमाणित आलू बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। इस बीज से किसान गुणवत्ता युक्त बीज का उत्पादन कर अपनी उत्पादकता में वृद्धि कर सकतें हैं। उन्होंने किसानों को इस बीज का उपयोग केवल बीज उत्पादन के लिए करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इस बीज की गुणवत्ता बहुत अच्छी है।
उद्यान राज्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग 6.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए 20-21 लाख मी0टन आलू बीज की आवश्यकता होती है। उद्यान विभाग लगभग 40 हजार कुन्तल आधारित श्रेणी का आलू बीज किसानों में बीज उत्पादन के लिए वितरित करता है, जिससे किसानों द्वारा अग्रेतर श्रेणी का बीज उत्पादन करके प्रदेश में गुणवत्ता युक्त बीज की कमी को पूरा करने में सहभागी हो सकते हैं। इससे लाभ यह होगा कि गुणवत्ता युक्त प्रमाणित आलू बीज से प्रदेश के आलू उत्पादन में अच्छी वृद्धि होगी।
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