चाइल्ड पीजीआई के ब्लड बैंक में दुर्लभ रक्त समूहों की हर वक्त पूरी व्यवस्था: प्रो अजय सिंह
Date posted: 12 June 2022
नोएडा: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (चाइल्ड पीजीआई) में पिछले कुछ महीनों में मरीजों की संख्या और उनके उपचार, सर्जरी एवं प्रबंधन में काफी तेजी से वृद्धि हुई है, जिनके लिए संस्थान के ब्लड बैंक की ओर से विभिन्न रक्त घटकों जैसे पैक्ड रेड ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स, फ्रोजेन प्लाज्मा और क्रायोप्रिसिपेट्स का सहोयग प्रदान किया जा रहा है। चाइल्ड पीजीआई के ब्लड बैंक में इस तरह के ब्लड कंपोनेंट पूरे वर्ष सातों दिन 24 घंटे मरीजों को आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराये जाते हैं।
चाइल्ड पीजीआई के निदेशक प्रो. अजय सिंह ने बताया- पिछले कुछ महीनों में संस्थान में ऐसे कई जटिल रोगियों का उपचार, प्रबंधन एवं सर्जरी की गई है, जिनका ब्लड ग्रुप काफी दुर्लभ समूह का रहा, जैसे ओ नेगेटिव, ए नेगेटिव और बी नेगटिव। इन मामलों में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी, पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, थैलेसीमिया एवं रक्त कैंसर आदि के मरीज शामिल थे। इनमें से बहुत से मरीज ऐसे थे जो संस्थान में देर रात या विषम समय में आये थे या जिनको ऐसे समय में ब्लड कंपोनेंट की जरूरत पड़ी थी। ऐसे में भी संस्थान के ब्लड बैंक ने इन दुर्लभ रक्त समूह के मरीजों को आसानी से ब्लड कंपोनेंट उपलब्ध कराते हुए उनके उपचार में पूर्ण सहयोग दिया। थैलेसीमिया एवं पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी के मामलों में कई मरीजों को चार-छह यूनिट तक दुर्लभ रक्त समूहों का सहयोग प्रदान किया गया है।
ब्लड बैंक की ओर से केवल एक माह में 31 यूनिट से ज्यादा दुर्लभ ब्लड ग्रुप आवश्यकतानुसार मरीजों को उपलब्ध कराया गया जो कि अपने आप में एक उपलब्धि है। उन्होंने कहा समाज में रहने वाले कुल व्यक्तियों में से केवल छह से आठ प्रतिशत व्यक्ति ही ऐसे हैं जिनमें यह दुर्लभ प्रकार का रक्त समूह पाया जाता है और ऐसे रक्त समूह को एकत्रित करना या डोनेट कराना एक बहुत ही बड़ा काम है। अत्यंत दुर्लभ रक्त समूह के मरीजों को रक्त घटक उपलब्ध कराने के लिए चाइल्ड पीजीआई में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग द्वारा काफी कठिन परिश्रम किया जाता है। संस्थान एनजीओ की मदद से बनाए गए दुर्लभ रक्त दाता समूह आवश्यकतानुसार मरीजों को ब्लड कंपोनेंट उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाता है।
ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ सीमा दुआ ने बताया कि संस्थान के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग द्वारा न केवल मरीजों को रक्त कंपोनेंट मुहैया कराया जा रहा है, बल्कि विभाग द्वारा विभिन्न रोगों से ग्रसित रोगियों में दुर्लभ एंटीबॉडी का निदान करने के लिए उन्नत रक्त परीक्षण भी किया जा रहा है। इस रक्त परीक्षण में पिछले माह पीलिया से पीड़ित दो नवजात शिशुओं में दुर्लभ एंटीबॉडी होने का पता चला है।
संस्थान के निदेशक प्रो अजय सिंह ने बताया ब्लड बैंक में रक्त परीक्षण की सभी अत्याधुनिक विशेषताएं उपलब्ध हैं, जिसके द्वारा रक्त परीक्षण कर मरीजों को संक्रमण मुक्त सुरक्षित रक्त प्रदान किया जाता है।
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