चाय के प्रसार पर सरकार खर्चती है करोड़ों: आरटीआई

नोएडा: समाजसेवी रंजन तोमर की  भारत सरकार द्वारा स्थापित टी बोर्ड में लगाई आरटीआई से कई चटपटे जवाब प्राप्त हुए हैं , पहले सवाल में पूछा गया था के भारत में चाय के कितने प्रकार की चाय उपलब्ध हैं ,जिसके जवाब में बोर्ड कहता है मुख्य रूप से असम , पश्चिम बंगाल ,तमिल नाडु ,केरल  , हिमाचल प्रदेश , कर्नाटक, त्रिपुरा , अरुणाचल प्रदेश , उत्तराखंड  बिहार , सिक्किम , मणिपुर , मिजोरम , मेघालय एवं नागालैंड राज्यों में चाय उत्पादन होता है , इसके आलावा चाय के प्रसंस्करण की विधि के अनुसार चाय सफ़ेद , ग्रीन टी , ओलोंग टी , ब्लैक टी आदि में विभाजित है , इसके आगे भी  इन प्रकारों में विभाजन हैं।

हर साल होते हैं राष्ट्रिय एवं अंतर्राष्ट्रीय चाय आयोजन

दूसरे सवाल के जवाब में बोर्ड कहता है है के हर साल वह कई प्रकार के आयोजन करता है , जहाँ 2017 – 18  घरेलु कार्यक्रमों की संख्या 9 रही वहीँ  14  अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किये गए , 2018 -19  में 11 घरेलु कार्यक्रम हुए जबकि 13 अंतर्राष्ट्रीय , जबकि 2019 -20 में 32 घरेलु कार्यक्रम हुए और 3 अंतर्राष्ट्रीय।

हर साल करोड़ों का है बजट

टी बोर्ड का सालाना बजट कुछ इस प्रकार है , 2014 -15 में रुपए 180.59 करोड़ , 2015 -16 में 189 . 455 करोड़ रुपए , 2016 -17 में 152 . 15 करोड़ रुपए , 2017 -18 में 194. 9 करोड़ रुपए  एवं 2018 -19 में 160 . 2  करोड़ रुपए

21 मई को होता है अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस

अंतिम  सवाल के जवाब में बोर्ड कहता है के संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया है जिसे पूरी दुनिया में धूम धाम से मनाया जाता है।
इन सब जवाबों से कई रोचक और दिलचस्प बातें सामने आती हैं जो हमारे मनपसंद पेय , चाय को और भी रंग और कलेवर देती हैं।

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