एक्टिविस्ट को जमानत देने के हाईकोर्ट के फैसले को मिसाल नहीं माना जाए

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के 100 पन्नों के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया, जिसमें तीन छात्र एक्टिविस्ट में से एक को फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा से संबंधित बड़ी साजिश के एक मामले में जमानत दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें 53 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट से आदेश को लेकर शीर्ष अदालत नाखुशी जताई और कहा कि कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को एक मिसाल नहीं माना जा सकता है, लेकिन साथ ही अदालत ने जमानत पर रोक से इनकार कर दिया।

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