प्रशांत की यात्रा का विवरण सार्वजनिक किया जाय नहीं तो जाँच की माँग करूँगा: डॉ. निखिल आनंद
Date posted: 23 April 2020

पटना: बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने प्रशांत किशोर पर कार्गो फ्लाइट में छुपकर दिल्ली से कोलकाता जाने का आरोप लगाया है। निखिल ने प्रशांत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस कोरोना के कहर के दौर में लॉकडाउन के बीच संबंधित कार्गो फ्लाइट की यात्रा करने का परमिशन उन्हें किसने दिया? क्या प्रशांत किशोर ने कार्गो के भीतर छुपकर दिल्ली से कोलकाता की अवैध यात्रा की?
निखिल आनंद ने कहा कि जब प्रशांत किशोर कार्गो के कर्मचारी नहीं है और न ही केन्द्र, दिल्ली सरकार या फिर पश्चिम बंगाल सरकार के पुलिस- प्रशासन के अधिकारी है। कोरोना की त्रासदी के दौर में वे मेडिकल कर्मी, डॉक्टर, किसी प्रकार के एक्सपर्ट या फिर कार्गो के पायलट, को- पायलट या सामान ढोने वाले पोर्टर भी नहीं हैं तो किस ऑथिरिटी से कार्गो में चुपचाप दिल्ली से कोलकाता गए। निखिल ने माँग किया कि प्रशांत किशोर को, पश्चिम बंगाल सरकार को एवं प्रशांत की खिदमतगार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस इस यात्रा से अनुमति से संबंधित कागजात सार्वजनिक करना चाहिए और बताना चाहिए कि कार्गो में की गई इस यात्रा को कैसे अवैध नहीं माना जाय? निखिल ने कहा कि इस यात्रा से जुड़े कागजात सार्वजनिक नहीं किए जाते हैं तो एयरपोर्ट ऑथिरिटी ऑफ इंडिया से और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से लॉकडाउन में प्रशांत किशोर की इस चोरी छुपे यात्रा की जाँच की माँग करूँगा।
निखिल आनंद ने प्रशांत किशोर पर हमले के साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह असफल रही है। केन्द्र से मिले पैसे एवं सहयोग का भी ठीक प्रकार से उपयोग नहीं कर पा रही है जिस कारण सरकार की भद पीट गई है। कोरोना की इस चुनौती के दौर में जब मेडिकल एक्सपर्ट्स सहित शासन- प्रशासन से जुड़े विशेषज्ञ लोगों को कमान देना चाहिए तो ममता बनर्जी ने एक राजनीतिक दलाल प्रशांत किशोर को लॉकडाउन में चोरी छुपे अवैध ढंग से दिल्ली से कोलकाता बुलाया है ताकि अपना झूठा प्रोपोगंडा कर इमेज मेकओवर करवा सकें। ऐसे चुनौतीपूर्ण वक्त में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के पश्चिम बंगाल में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों, शासन- प्रशासन- पुलिस पर ममता बनर्जी का भरोसा न करना, उन सभी कोरोना सेनानियों या योद्धाओं का अपमान है और बतौर एक मुख्यमंत्री शर्मनाक भी है।
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