दिल्ली में अगर सबसे बड़ा कोई ‘प्रदूषण’ है तो वह केजरीवाल हैं: आदेश गुप्ता
Date posted: 16 November 2021

नई दिल्ली: प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष के आदेश गुप्ता ने कहा कि आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को ‘गैस चैंबर’ बनाने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने आज केजरीवाल सरकार को सीधे तौर पर कहा है कि आप प्रदूषण को लेकर कभी केंद्र सरकार को तो कभी निगम को दोषी ठहराते हैं और जब इन सब से नहीं होता तो पंजाब और हरियाणा पर अपनी नाकामी का ठीकरा फोड़ने लगते हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि प्रदूषण पर राजनीति करना ठीक नहीं है इसलिए अगर दिल्ली सरकार तैयार हो तो भाजपा ‘प्रदूषण मुक्त दिल्ली’ के लिए साथ काम करने को तैयार है ताकि दिल्लीवालों को स्वच्छ हवा मिल सके।
आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को भी इस बात का पता है कि दिल्ली में इस वक्त हवा कितनी जहरीली है इसलिए तो पिछले कई दिनों से वे पंजाब, गोवा और उत्तराखंड घूम रहे हैं। दरअसल दिल्ली के सबसे बड़े ‘प्रदूषण’ खुद अरविंद केजरीवाल हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए केजरीवाल सरकार ने आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया और अक्टूबर आते ही सभी दिल्लीवाले घरों में कैद हो जाते हैं क्योंकि बाहर निकलना मतलब बीमारियों को दावत देना है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की तुलना में हरियाणा और पंजाब में हवा का डीओबी लेवल बेहतर है जिससे स्पष्ट है कि प्रदूषण के लिए पराली ही एकमात्र वजह नहीं है क्योंकि इससे सिर्फ वातावरण 5 से 7 प्रतिशत ही प्रदूषित होता है। उन्होंने कहा कि आज अरविंद केजरीवाल का हर झूठ बेनकाब हो चुका है चाहे वह कोरोना संकटकाल में ऑक्सीजन के विषय में बोला हुआ झूठ हो, पराली पर बोला झूठ हो या फिर बिजली संकट पर कोयले की कमी पर बोला गया झूठ हो।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल ने जो भी वादे किए चाहे वो ग्रीन कॉरिडोर बनाने की बात हो, धूल-कण प्रदूषण कम करने की बात हो, बैट्री व्हकिल्स बढ़ाने की बात हो, सोलर एक्टिविटी की बात हो, उनमें से एक भी आज तक पूरी नहीं की। केजरीवाल ने साल 2018 में कुल 24 घोषणाएं प्रदूषण कम करने के लिए की थीं, लेकिन उनमें से एक भी पूरी क्यों नहीं हुई? सिर्फ विज्ञापन देने से और बड़े-बड़े होर्डिंग्स में अपना प्रचार करवाने से दिल्ली का प्रदूषण कम नहीं होने वाला, उसके लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 1400 करोड़ रूपए से ज्यादा का वातावरण उपकरण इकट्ठा हुआ है उसका क्या किया, इसका जवाब भी उन्हें देना चाहिए।
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