पिछले 6 साल में दिल्ली सरकार ने एक भी राशन कार्ड बना कर नहीं दिया: बिधूड़ी

नई दिल्ली:  लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने में रेलवे ट्रैक के किनारे से 48 हजार झुग्गी बस्तियों को हटाने का आदेश दिया है और दिल्ली सरकार के पास 52,000 मकान खाली पड़े हैं। इन खाली पड़े मकानों को रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले झुग्गी-बस्ती वालों को आवंटित करने की मांग को लेकर आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता व दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।

आदेश गुप्ता ने कहा कि पहले दिल्ली में 15 वर्षों तक राज करने वाली काँग्रेस की सरकार और अब पिछले 6 वर्षों से आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली की झुग्गी-बस्ती में रहने वालों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है और उन्हें धोखा दिया है। उन्होंने बताया कि काँग्रेस की सरकार ने 2008 में राजीव रत्न आवास योजना प्रारंभ की थी जिसके तहत 60 हजार मकान झुग्गी-बस्ती वालों को बनाकर दिया जाना था, लेकिन दिया नहीं गया। दिल्ली की बस्तियों में रहने वाले लोगों ने मकान के लिए रात-दिन जाग-जाग कर पुलिस की लाठियाँ-डंडे खाकर 2,77,518 आवेदन जमा करवाये थे और प्रत्येक आवेदन के लिये 100 रूपये की फीस भी दी थी, लेकिन काँग्रेस सरकार ने इस योजना के तहत झुग्गी वासियों को एक भी मकान आवंटित नहीं किया।
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सुधार आश्रय बोर्ड जो दिल्ली सरकार के अधीन है, जिसके मुखिया स्वयं अरविंद केजरीवाल हैं और उपाध्यक्ष सत्येंद्र जैन हैं, इनकी अगुवाई में चलने वाले दिल्ली सुधार आश्रय बोर्ड को रेलवे ने भी झुग्गियों के पुनर्वास के लिये 11.25 करोड़ रूपए दिए थे। लेकिन पिछले 6 वर्षों में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस निमित कोई कदम नहीं उठाए, झुग्गीवसियों को सिर्फ धोखा दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के पास कई वर्षों से जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के तहत जो 52,000 मकान बनाने की योजना बनाई गई थी, जो (नरेला, बवाना, घोघा, बपरोला, घेवरा, द्वारका आदि) बनकर तैयार खड़े हैं उन्हें आवंटित नहीं किया गया। इन मकानों के रख-रखाव के लिये करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
आदेश गुप्ता ने कहा कि पिछले 6 सालों में दो बार एनजीटी ने भी आदेश पारित कर झुग्गियों में रहने वालों के लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था करने के आदेश दिए थे परन्तु आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार मूक दर्शक बने बैठी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में झुग्गी-बस्ती में रहने वालों के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत “जहां झुग्गी वहां मकान“ बनाने की योजना बनाई और यह संकल्प लिया कि 2022 तक पूरे सभी को पक्का मकान मिलेगा। इसके तहत दिल्ली विकास प्राधिकरण ने अपनी भूमि पर 23 कलस्टर के सर्वे के लिये 5,83,425 रुपए जो 50 रूपये प्रति झुग्गी के तय किये जाने पर दिल्ली आश्रय सुधार बोर्ड को दिये गये थे परन्तु दिल्ली सरकार की नीयत और नीति दोनों स्पष्ट नहीं है। दिल्ली सरकार के दिल्ली आश्रय सुधार बोर्ड ने इस दिशा में 2 वर्षों तक सर्वे करना प्रारम्भ ही नहीं किया। दिल्ली सरकार ने गरीबों का हित नहीं देखा बल्कि यह देखा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अगर गरीबों को घर मिलेगा तो उसका राजनैतिक लाभ भाजपा को होगा, इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना न लागू कर, उसी तर्ज पर मुख्यमंत्री आवास योजना की घोषणा की, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं किया। दिल्ली आश्रय सुधार बोर्ड भी इस काम में निकम्मा साबित हुआ।
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की बस्तियों में मूल-भूत सुविधायें प्रदान करना और उन्हें वैकल्पिक मकान देना दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है, परन्तु प्रधानमंत्री मोदी जी ने हर व्यक्ति को पक्का मकान मिले इसकी चिंता प्रकट की और उन्होनें दिल्ली विकास प्राधिकरण के माध्यम से यह कार्य भी प्रारंभ करवा दिया है। 378 डीडीए की जमीन पर बने झुग्गी बस्तियों में से 192 क्लस्टर के टेंडर दिए जा चुके हैं और सर्वे का भी काम शुरू हो चुका है। दिल्ली विकास प्राधिकरण आज “जहां झुग्गी वहां मकान“ की 16 अन्य योजनाओं पर कार्य कर रहा है, जिनमें 36,700 मकान बनाये जाएंगे और जेलरवाला बाग अशोक विहार में 1775 मकान, कठपुतली काॅलोनी पटेल नगर, शादीपुर में 2800 मकान, कालका जी में 3024 मकान, लगभग तैयार होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार पूरी तन्मयता के साथ झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले लोगों को आवास मुहैया कराने के लिए काम कर रही है तो दूसरी ओर दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है। दिल्ली सरकार से हम यह मांग करते हैं जो 52,000 मकान बने हुए और खाली हैं उनको रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले झुग्गीवासियों को अविलंब आवंटित किए जाएं। भाजपा की केंद्र सरकार कटिबद्ध है कि वह हर झुग्गी वालों के लिए “जहाँ झुग्गी वहाँ मकान“ के तहत उन्हें मकान देगी। हम लोग रेलवे के किनारे पर जो झुग्गियां बसी हैं उन झुग्गी वालों के साथ खड़े हैं और उनके साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में अपने मैनिफेस्टो में अरविंद केजरीवाल ने झुग्गीवसियों से कुछ वादे किए और पिछले 6 साल से कर रहे हैं लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं किया। पिछले 6 साल में दिल्ली सरकार ने एक भी राशन कार्ड बना कर नहीं दिया। आज संकट के समय में दिल्ली के झुग्गी-झोपड़ी वासियों के लिए मोदी सरकार  5 किलो अनाज और 1 किलो चना मुफ्त मुहैया करवा रही है। उन्होंने बताया कि देश की संसद ने “दी स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014“ में पास कर दिया था। लेकिन आज तक दिल्ली सरकार ने न एक भी सर्वे करवाया और न ही किसी झुग्गीवासी को जो की ज्यादातर रेहड़ी-पटरी पर अपना कारोबार करते हैं उन्हें स्टॉल बना कर दिया। अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि गरीबों से किया गया कोई भी वादा पूरा नहीं किया बल्कि उन गरीबों को चुनाव में वोट पाने के लिए इस्तेमाल किया।

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