वैज्ञानिकों की मेहनत के कारण अंतरिक्ष से भी पैसे कमा रहा भारत
Date posted: 10 December 2020
एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सितंबर 1992 में अंतरिक्ष उत्पादों, तकनीकी परामर्श सेवाओं और इसरो द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण के वाणिज्यिक दोहन व प्रचार प्रसार के लिए सरकार के स्वामित्व में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था। इसका एक अन्य प्रमुख उद्देश्य भारत में अन्तरिक्ष सम्बन्धित औद्योगिक क्षमताओं के विकास को आगे बढ़ाना भी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक एवं विपणन शाखा के रूप में एंट्रिक्स, पूरे विश्व में अपने अन्तरराष्ट्रीय ग्राहकों को अन्तरिक्ष उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। सन् 2008 में 950 करोड़ रुपयों का व्यापार करने वाले एंट्रिक्स को भारत सरकार द्वारा 2007-08 “लघु रत्न कंपनी” का दर्जा दिया गया है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एंट्रिक्स एक ऐसी ‘दुकान’ है जहां किसी भी अन्तरिक्ष उत्पाद को एक ही छत के नीचे खरीदा जा सकता है। यहां जटिल अंतरिक्ष यान से लेकर सरल उप-प्रणालियाँ व हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, संचार, पृथ्वी अवलोकन, वैज्ञानिक मिशनों से संबंधित अनुप्रयोग; अंतरिक्ष संबंधित सेवाएं व सिलसिलेवार सुदूर संवेदन आंकड़े; ट्रांसपॉन्डर लीज सेवा; कार्यकारी प्रक्षेपण वाहन (पीएसएलवी और जीएसएलवी) द्वारा प्रक्षेपण सेवाएं; मिशन समर्थन सेवाओं के अलावा कई प्रकार की परामर्श और प्रशिक्षण सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
आज एंट्रिक्स द्वारा ईएडीएस, ऑस्ट्रिम, , इंटेलसेट, अवंती समूह, वर्ल्ड स्पेस, इनमारसैट, वर्ल्ड सैट गुरु, डीएलआर, कारी, यूटेलसैट, ओएचबी सिस्टम्स जैसे विश्व कई प्रतिष्ठित ग्राहकों और यूरोप, मध्य पूर्वी व दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के कई प्रमुख अंतरिक्ष संस्थानों को बहुपयोगी उत्पाद व सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
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