सिंचाई विभाग की जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराया जाएगा: डा. महेन्द्र सिंह
Date posted: 16 September 2020
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैय्या की 160वीं जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर अभियन्तागण सिंचाई विभाग को देश का नंबर-1 विभाग बनाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि इंजीनियर विकास की धुरी हैं और देश के निर्माण में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए उनका दायित्व है कि अपनी दक्षता का अधिकतम उपयोग करते हुए सिंचाई विभाग की समस्त योजनाओं का लाभ आमजनता तक पहंुचाने का हर संभव प्रयास करें।
जलशक्ति मंत्री आज सिंचाई विभाग के मुख्यालय पर विश्वेश्वरैय्या की जयंती पर आयोजित अभियन्ता दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की हैसियत से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अभियन्ताओं को दायित्व एवं कर्तव्यबोध का स्मरण कराते हुए श्रीमद्भगवत गीता एवं रामचरित मानस का उदाहरण देते हुए कहा कि अपने कार्यों से विश्वेश्वरैय्या की तरह एक अलग पहचान बनाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि एम विश्वेश्वरैय्या प्रकाश पुंज थे और आने वाली पीढ़ी को सदियों तक प्रेरणा देते रहेंगे।
डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि अभियन्ताओं को काम करने के मामले में पूरी छूट एवं संरक्षण प्रदान किया जायेगा। बशर्ते अपने कार्यों में पूरी पारदर्शिता एवं गुणवत्ता का हर स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग की तरह ही सिंचाई विभाग में ट्रांसफर व पोस्टिंग के मामले में मेरिट प्रणाली अपनाते हुए उनसे पूछकर तैनाती दी गई। उन्होंने कहा कि अधिशासी अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ता की डी.पी.सी., मृतक आश्रितों की नियुक्ति तथा पेंशन संबंधी आदि देयों का समय भुगतान सुनिश्चित कराया जायेगा। किसी को भी कहने जरूरत नहीं पडे़गी।
डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि सिंचाई विभाग की जमीनों पर एक इंच भी अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। अभियान चलाकार 1900 हे0 जमीन खाली करायी गयी है। आगे कोई अवैध कब्जा न कर सके इसकी जिम्मेदारी संबंधित अभियन्ता की होगी। उन्होंने सींचपालों व जूनियर अभियन्ताओं को अपने तैनाती स्थल पर हर समय मौजूद रहने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के इतिहास में पहली बार 46000 किमी0 से ज्यादा नहरों की सफाई सुनिश्चित कराकर टेल तक पानी पहुंचाया गया है, जिसकी सराहना किसानों एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने की है और 12 जनपदों के जिलाधिकारी संबंधित अभियन्ताओं को प्रशस्ति पत्र दिए हैं।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि जहां तक संभव हो नहरों की सफाई के लिए मानव संसाधन का उपयोग किया जाए। जेसीबी से नहर की खुबसूरती बिगड़ जाती है, एवं पर्यावरण को क्षति पहुंचती है। उन्होंने जनपद रायबरेली में कई वर्षों के बाद पानी आने पर किसान एवं आम जनता ने नहर विभाग की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने इस वर्ष बाढ़ से संवेदनशील जनपदों में अभियन्ताओं की लगातार निगरानी एवं सतर्कता के कारण जनधन हानि न होने के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान गण्डक सहित प्रमुख अन्य नदियों का जल स्तर खतरे के ऊपर लगातार बना रहा, इसके बावजूद भी कोई नुकसान नहीं हुआ।इस अवसर पर मा. मंत्री ने ‘अभियन्ता संघ’ की पुस्तक का विमोचन भी किया।
अभियन्ता दिवस पर विश्वेश्वरैय्या को स्मरण करते हुए प्रमुख अभियन्ता परिकल्प और नियोजन ए.के. सिंह ने उन्हें श्रद्धांजति अर्पित करते हुए कहा कि पंचवर्षीय परियोजना की परिकल्पना, कृष्ण सागर व हीराकुण्ड डैम उनकी प्रेरणा से बनाया जा सका। देश के निर्माण में विश्वेश्वरैय्या का अप्रतिम योगदान है। प्रमुख अभियन्ता परियोजना वी.के. निरंजन ने कहा कि सिंचाई विभाग में 11 बड़ी परियोजनाएं पूरी की गई हैं और 03 पर काम तेजी से किया जा रहा है। पूर्व विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख अभियन्ता ए.के. सिंह ने विश्वेश्वरैय्या की जीवन यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त अभियन्ताओं से परियोजनाओं के बारे में फीडबैक लिए जाने का सुझाव दिया। अंत में प्रमुख अभियन्ता (यांत्रिक) देवेन्द्र अग्रवाल ने अतिथियों का आभार जताया।
इस अवसर पर प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, पूर्व मुख्य अभियन्ता पैक्ट ए.के. सेंगर, अधीक्षण अभियन्ता कुमार मंगलम, अभियन्ता संघ के महासचिव आशीष यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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