क्या चीन के डर से कोरोना को भारतीय वायरस साबित करने पर तुली है कांग्रेस ?

पटना: कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने आज कहा कि भले ही आज तक एक भी कांग्रेसी नेता ने कोरोना को चीनी वायरस कहने की हिम्मत नहीं दिखाई हो, लेकिन इसे  भारतीय वायरस साबित करने की इनकी कोशिश लगातार जारी है. इनके टूलकिट में दिए गये निर्देशों को देखें तो उसमें भी इस वायरस को भारत से जोड़ कर सुनियोजित दुष्प्रचार करने के स्पष्ट आदेश दिए हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस नेताओं को बताना चाहिए कि क्या वह चीन की नाराजगी के डर से ऐसा कर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि चीन और कांग्रेस के संबंध किसी से छिपे नहीं है. कांग्रेस विश्व की इकलौती पार्टी है जिसने दुश्मन देश चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक गुप्त एमओयु पर दस्तखत कर रखा है. चीन द्वारा समय समय पर राजीव गांधी फाउंडेशन को वित्तीय मदद देते रहने की बात भी जगजाहिर है. इसके अतिरिक्त संकट के समय में भारत को बदनाम करने के लिए चीन और कांग्रेस के बयानों में कई बार दिखने वाली समानता भी संदेह पैदा करती है. इससे प्रतीत होता है कि चीन कहीं न कहीं कांग्रेस पर दबाव बना रही है. कांग्रेस को बताना चाहिए कि हकीकत क्या है?

श्री रंजन ने कहा कि डोकलाम संकट से लेकर कोरोना आपदा तक कांग्रेस की राजनीति पूरी तरह से चीनपरस्त दिखी है. डोकलाम के समय राहुल की चीनी राजदूत से हुई गुप्त मुलाकात और उसके बाद भारतीय सेना का मनोबल तोड़ने की उनकी बेतोड़ कोशिशों की यादें अभी भी जनता के जेहन में ताजा है. इसके बाद कोरोना काल में चीन को बचाने और भारत को बदनाम करने के उनके प्रयासों से इनकी आपसी मिलीभगत की संभावना और गहरी हो जाती है. आपदा के समय महज राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए देश को बदनाम करने की साजिश किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जा सकती. जिस प्रकार से कांग्रेस अपने युवराज की राजनीति चमकाने के लिए उल्टी-सीधी हरकतें कर रहे हैं वह न देश के लिए शुभ है और न ही कांग्रेस के लिए.

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