बिहार में जात-पात नही बल्कि जमात की राजनीति चलेगी, एनडीए की जीत से हुआ साफ़: राजीव रंजन
Date posted: 25 May 2019

पटना: बिहार की जनता द्वारा जात-पात की राजनीति ख़ारिज किए जाने का दावा करते हुए भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा “ बीते लोकसभा चुनावों में बिहार की जनता ने यह पूरी तरह साफ़ कर दिया है कि जात-पात और धर्म के नाम समाज में फूट डाल, राज करने वाली वंशवादी राजनीति के दिन अब लद चुके हैं. यही वजह है कि इसी नीति पर चलने वाले विपक्ष का जनता ने बिहार में सफाया कर दिया है. बिहार के दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों ने एनडीए के पक्ष में भरपूर में मतदान किया है.
दलितों के लिए आरक्षित बिहार की सभी 6 सीटें आज एनडीए के खाते में हैं. इसके अलावे राज्य में 14 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां जनसंख्या के आधार पर अल्पसंख्यक वोटरों की तादाद 11 से लेकर 68 फीसदी तक है. इनमे से 13 सीटें एनडीए के खाते में गयी हैं. एनडीए के पक्ष में वोटरों का यह बढ़ता रुझान साफ़ बता रहा है कि लोगों में नमो-नीतीश द्वारा बिहार के हित में किए जा रहे कार्यों के प्रति विश्वास लगातार बढ़ रहा है.
दरअसल लोगों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के 13 साल के कार्यकाल में बिहार में वह सब होते हुए देखा है, जो पहले उनके लिए स्वप्न मात्र था. 2014 में मोदी जी के सत्ता में आने के बाद विकास की गति और तेज गयी और सफलता के कई नए कीर्तिमान जुड़े. यह एनडीए सरकार के सुशासन की ही देन है कि आज बिहार के सभी घरों में बिजली पंहुच चुकी है. घर-घर में शौचालय, गैस सिलिंडर और पीने का पानी पंहुच रहा है.
गांव-टोलों के अलावा लोगों के घरों तक पक्की सड़क पंहुच चुकी है. महिलाओं को पंचायत चुनावों में 50 फीसदी और रोजगार में 35% का आरक्षण मिल रहा है. मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक़ के अभिशाप से मुक्ति मिल चुकी है. वहीँ अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल विकास के लिए उस्ताद और नयी रौशनी जैसी योजनाएं चलायी जा रही हैं.
आज सरकार की योजनाएं कागजों तक सीमित नही हैं, बल्कि पूरी मजबूती से धरातल पर उतर रही हैं. नमो-नीतीश के नेतृत्व में बिहार में आ रहे इन परिवर्तनों को जनता ने बखूबी देखा, समझा और सराहा है, यही वजह है विरोधियों द्वारा झूठ बोल लगातार डराए जाने के बावजूद समाज के सभी जाति, धर्म के लोग पूरी एकजुटता से एनडीए के समर्थन में खड़े रहें. बिहार में एनडीए गठबंधन को मिली यह अभूतपूर्व विरोधियों के लिए जनता की चेतावनी है कि अगर अब भी उन्होंने विभाजनकारी राजनीति से तौबा करते हुए, बिहार को आगे बढ़ाने में सहयोग नही किया तो आगे उनके और बुरे दिन आने वाले हैं.”
पटना, मई 25, 2019: बिहार की जनता द्वारा जात-पात की राजनीति ख़ारिज किए जाने का दावा करते हुए भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा “ बीते लोकसभा चुनावों में बिहार की जनता ने यह पूरी तरह साफ़ कर दिया है कि जात-पात और धर्म के नाम समाज में फूट डाल, राज करने वाली वंशवादी राजनीति के दिन अब लद चुके हैं. यही वजह है कि इसी नीति पर चलने वाले विपक्ष का जनता ने बिहार में सफाया कर दिया है. बिहार के दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों ने एनडीए के पक्ष में भरपूर में मतदान किया है. दलितों के लिए आरक्षित बिहार की सभी 6 सीटें आज एनडीए के खाते में हैं. इसके अलावे राज्य में 14 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां जनसंख्या के आधार पर अल्पसंख्यक वोटरों की तादाद 11 से लेकर 68 फीसदी तक है.
इनमे से 13 सीटें एनडीए के खाते में गयी हैं. एनडीए के पक्ष में वोटरों का यह बढ़ता रुझान साफ़ बता रहा है कि लोगों में नमो-नीतीश द्वारा बिहार के हित में किए जा रहे कार्यों के प्रति विश्वास लगातार बढ़ रहा है. दरअसल लोगों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के 13 साल के कार्यकाल में बिहार में वह सब होते हुए देखा है, जो पहले उनके लिए स्वप्न मात्र था. 2014 में मोदी जी के सत्ता में आने के बाद विकास की गति और तेज गयी और सफलता के कई नए कीर्तिमान जुड़े. यह एनडीए सरकार के सुशासन की ही देन है कि आज बिहार के सभी घरों में बिजली पंहुच चुकी है. घर-घर में शौचालय, गैस सिलिंडर और पीने का पानी पंहुच रहा है.
गांव-टोलों के अलावा लोगों के घरों तक पक्की सड़क पंहुच चुकी है. महिलाओं को पंचायत चुनावों में 50 फीसदी और रोजगार में 35% का आरक्षण मिल रहा है. मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक़ के अभिशाप से मुक्ति मिल चुकी है. वहीँ अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल विकास के लिए उस्ताद और नयी रौशनी जैसी योजनाएं चलायी जा रही हैं. आज सरकार की योजनाएं कागजों तक सीमित नही हैं, बल्कि पूरी मजबूती से धरातल पर उतर रही हैं. नमो-नीतीश के नेतृत्व में बिहार में आ रहे इन परिवर्तनों को जनता ने बखूबी देखा, समझा और सराहा है, यही वजह है विरोधियों द्वारा झूठ बोल लगातार डराए जाने के बावजूद समाज के सभी जाति, धर्म के लोग पूरी एकजुटता से एनडीए के समर्थन में खड़े रहें. बिहार में एनडीए गठबंधन को मिली यह अभूतपूर्व विरोधियों के लिए जनता की चेतावनी है कि अगर अब भी उन्होंने विभाजनकारी राजनीति से तौबा करते हुए, बिहार को आगे बढ़ाने में सहयोग नही किया तो आगे उनके और बुरे दिन आने वाले हैं.”
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