भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक पर्व है कारगिल विजय दिवस
Date posted: 26 July 2021
पटना: कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना को नमन करते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने आज कहा कि 26 जुलाई का दिन हमारे देश के इतिहास में कारगिल विजय दिवस के तौर पर अंकित है, इस युद्ध में हमारा एक-एक जवान, सौ-सौ दुश्मनों पर भारी पड़ा था. यह युद्ध केवल सीमाओं पर नहीं लड़ा गया, बल्कि इसमें देश के हर शहर और हर गांव के नागरिकों की भावनाएं शामिल थी. यह दिन देश के लिए लड़ने और अपने प्राण न्यौछावर करने वाले हमारे वीर जवानों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है.
उन्होंने कहा कि 1999 को पाकिस्तान के साथ कारगिल में हुआ यह युद्ध, भारतीय सैनिकों की वीरता के लिए युगों-युगों तक याद रखा जाएगा. अत्याधुनिक असलहों के साथ पहाड़ की चोटी पर खड़े दुश्मनों को ऐसी मार दुनिया की किसी सेना ने नहीं लगायी थी. इसीलिए आज भी विश्व के इतिहास में दुनिया के सबसे ऊंचे क्षेत्रों में लड़ी गई जंगों में कारगिल युद्ध का नाम प्रमुखता से दर्ज है. इस युद्ध के बाद पाकिस्तान की आज तक भारत पर प्रत्यक्ष तौर पर हमला करने की हिम्मत नहीं पड़ी है.
कांग्रेस पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की परम्परा शुरुआत से ही ‘सिलेक्टिव राष्ट्रवाद’ की रही है. अगर किसी भी उपलब्धि में ‘नेहरू-गांधी परिवार’ का नाम न जुड़ा हो तो वह उसे देश का स्वाभिमान तक नहीं मानती है. इसीलिए उसके नेता कांग्रेस की नाकामियों का प्रतीक बन चुकी 1962 की हार तक का महिमांडन करने में नहीं चुकते लेकिन, लेकिन 527 वीर सपूतों की शहादत के बाद 26 जुलाई, 1999 को कारगिल की चोटियों पर तिरंगा फहराने को वह विजय नहीं मानते हैं. याद करें तो कि 1999 के बाद से 2003 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने हर साल संसद में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता रहा, लेकिन मई 2004 में जैसे ही कांग्रेस के पास सत्ता आई तो उन्होंने संसद में कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम पर बैन लगा दिया. कुछ कांग्रेस नेताओं ने तो यहाँ तक कहा कि कारगिल युद्ध बीजेपी की लड़ाई थी, इस युद्ध से देश का कुछ लेना देना नहीं था. बाद में एनडीए द्वारा दबाव डालने पर विजय दिवस फिर से शुरू हो सका. याद करें तो सर्जिकल स्ट्राइक पर भी इनका यही रवैया था. इनके नेताओं ने इसे फर्जी करार देने में एडी चोटी का जोर लगा दिया था और आज भी पराक्रम पर्व में राजनीति करने से बाज नही आ रहे. कांग्रेस यह जान ले कि सेना हमारे देश की शान है, उनका अपमान देश कभी सहन नहीं करने वाला.
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