भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की अद्भुत मिसाल है कारगिल विजय दिवस

पटना:  कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आज भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इस जीत के नायकों को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष द्वारा कारगिल के शहीदों के परिवारों के साथ गलवान घाटी में भी शहीद हुए सैनिकों की दो वीरांगनाओं को भी सम्मानित किया गया.

इस अवसर पर युद्ध में शहीद हुए सैनिकों व उनके परिजनों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज कहा कि कारगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ वह भारत कभी भूल नहीं सकता है. पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने के लिए यह दुस्साहस किया था. दुष्ट का स्वभाव ही होता है हर किसी से बिना वजह दुश्मनी लेना, पाकिस्तान भी ऐसा ही कर रहा था. लेकिन इसके बाद भारत ने जो पराक्रम दिखाया उसका साक्षी पूरा विश्व है. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारतीय सैनिकों ने इस युद्ध में अपने शौर्य और पराक्रम की जो अद्भुत मिसाल पेश की थी, उसने पाकिस्तान के मनोबल को पूरी तरह तोड़ कर रख दिया. यह उसी का प्रतिफल है कि इस युद्ध के बाद आज तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ़ प्रत्यक्ष युद्ध छेड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है.  

उन्होंने कहा कि कारगिल का युद्ध केवल दो देशों के बीच का संघर्ष नहीं था, बल्कि यह असत्य के खिलाफ़ सत्य और अधर्म के खिलाफ धर्म का शंखनाद था. यह बंदूक के दम पर साम्राज्य फ़ैलाने वाली ताकतों के खिलाफ़ मातृभूमि की रक्षा के लिए उठे हाथों का संघर्ष का था, जिसमें हमारे रणबांकुरों ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए थे. यह एक ऐसा युद्ध था जो केवल सीमाओं पर लड़ा नहीं गया था बल्कि इस युद्ध में भारत के हर-जन-गण का मन शामिल था.

डॉ जायसवाल ने कहा कि कारगिल में मिली विजय भारत के कूटनीतिक शक्ति की जीत का भी प्रतीक है. इतिहास में यह पहली बार हुआ था जब अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन किसी देश के प्रधानमंत्री से बात करना चाहते थे और माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने यह साफ कहते हुए कि जब तक हमारी सीमाओं से पाकिस्तान का एक भी व्यक्ति रहेगा तब तक कोई शांति वार्ता नहीं होगी उनकी बोलती बंद कर दी थी.

शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि यह दिन हमें इस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए परमवीर चक्र विजेता कैप्टेन विक्रम बत्रा, कैप्टेन मनोज कुमार पांडे, संजय कुमार, सूबेदार योगेन्द्र सिंह यादव तथा बिहार के सभी 18 शहीद हुए जवानों समेत सभी 527 अमर शहीदों के साहसशौर्य और समर्पण की याद दिलाता है. देश की आन-बान-शान के लिए अपने अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले माँ भारती के इन वीर सपूतों के प्रति देश हमेशा कृतज्ञ रहेगा.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे सैनिकों के कारण आज भले ही हमारी सीमाओं पर कोई आँख उठा कर नहीं देख सकता, लेकिन ऐसे में देश के आंतरिक सशक्तिकरण में योगदान देने के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है. आज जब देश कोरोना की विभिषका से जूझ रहा है तो हमें पूरी एकजुटता के साथ लेकर सरकार द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए. इसके अतिरिक्त हमें ‘लोकल के लिए वोकल’ बन कर स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देना चाहिए. यही इन हुतात्माओं को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि साबित होगी.

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