कायस्थों के उपेक्षा करने वाले को सबक सिखाए कायस्थ समाज

बिहार: मिशन दो करोड़ कायस्थ इंटरनेशनल की बिहार इकाई ने कायस्थ समाज का आहवान किया की उपेक्षा करने वाले राजनीतिक दलों को सवक सिखाने के लिय अब तैयार हो जाय।गठन की आज कंकड़बाग में हुई बैठक में प्रस्ताव पारित  कर भाजपा द्वारा मंत्रिमंडल में किसी कायस्थ को शामिल नहीं करने और रामबिलास जी के निधन से खाली सीट पर किसी कायस्थ को उम्मीदवार नहीं बनाने के लिए निन्दा प्रस्ताव पारित किया।दूसरे प्रस्ताव एनडीए के तमाम नेताओं से आग्रह किया है कि राज्यपाल कोटे से भरे जाने वाले एमएलसी सीट में दो सीट कायस्थ समाज से भरे जाय और सुशील मोदीजी के राज्ससभा जाने से एमएलसी की खाली सीट कायस्थ समाज को ही दिया जाय।

बैठक में पारित तीसरे प्रस्ताव में विहार के मुख्य्मंत्री से आग्रह किया गया कि मंत्रिमंडल के विस्तार के समय जदयु कोटे से भी कायस्थ को मंत्री बनाएं। प्रस्ताव में मुख्य्मंत्री को याद दिलाया गया की जब 2005 में पहली बार जब वे मुख्य्मंत्री बने तो उन्होंने सुधा श्रीवास्तव को मंत्री बनाया था। इस कारण कायस्थ समाज को आपसे काफी आशा है। बैठक की अध्यक्ष्ता संगठन के विहार चैप्टर के अध्यक्ष मनोज लाल दास मनु और संचालन  सुमित श्रीवास्तव ने की।बैठक में राजेश कुमार कंठ , सतीश कुमार दास, श्वेता श्रीवस्त्व,संजय कुमार,नवीन कुमार नवेंदु,विजय कुमार सिन्हा, भरत किशोर चौधरी, सुमित श्रीवास्तव,सावन श्रीवास्तव,मनोज कुमार, जयप्रकाश सिन्हा पप्पू, संजीव कुमार, मनोज मल्लिक आदि प्रमुख थे।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मनोज लाल दास मनु  ने कहा कि आज कायस्थ समाज पूरे ताकत के साथ एनडीए के साथ है इसके बाबजूद एनडीए हमेशा कायस्थ समाज के साथ अनदेखी करती रही है।हम कायस्थ समाज किसी दुसरे समाज के विरोधी नहीं है लेकिन हमे अपना मजदूरी मिलना चाहिए। एक भी कायस्थ को मंत्री नहीं बनाकर एनडीए ने कायस्थ समाज के साथ मजाक किया है।

 राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार दास ने कहा कि हमें अपने समाज के  गौरव गाथा पर  हमेशा गर्व रहेगा। कायस्थों  इतिहास है कि हम जहा भी राजनीति के रूप से जुडे़ है पूरी ईमानदारी के साथ लेकिन राजनीतिक दलों ने हमेशा छलने का काम किया है।हमे हमेशा सत्ता के लाभ से कायस्थों को दूर रखने की साजिश  रची गई।

महिला प्रतिनिधि श्वेता श्रीवास्तव ने कहा कि आज एनडीए के प्रति अगर कोई कमिटमेंट समाज है तो वो कायस्थ समाज इसके बाबजूद कायस्थों को उपेक्षा करना भविष्य के लिए किसी भी दल को घातक होगा।

अपने समापन संबोधन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश कुमार कंठ ने कायस्थ संस्थाओं से अपील की है कि वे आगे आए और अपने हक के लिए अहम की भावना को छोड़ कर एकजुट  हो।

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