हवा-हवाई घोषणाओं से फिर दिल्ली को मौत के मुंह झोकना चाहते हैं केजरीवाल: गुप्ता

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को 1358 कोरोना के केस सामने आए। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बयान जारी कर कहा कि दिल्ली में एक बार फिर स्थिति गंभीर होती नजर आ रही है, लेकिन केजरीवाल सरकार पहले की तरह ही हवा-हवाई घोषणाएं करने में व्यस्त है। टेस्टिंग बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं अपनी गलतियों के लिए दूसरों पर दोष मड़ने से केजरीवाल सरकार अब भी बाज नहीं आ रही है। अगर केजरीवाल सरकार ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए तो एक बार फिर दिल्ली को मई वाले दौर से गुजरना पड़ेगा।

श्री गुप्ता ने कहा कि 26 अगस्त को दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाकर बड़े ही जोर-शोर से ऐलान किया था कि 27 अगस्त से दिल्ली में टेस्टिंग दोगुनी कर दी जाएगी, लेकिन यह घोषणा कोरी साबित हुई। आज 5 दिन बीत जाने के बाद भी टेस्टिंग पहले जितनी ही की जा रही है। इतना ही नहीं 31 अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को महज 14 हजार के आसपास ही टेस्टिंग की गई। यानी टेस्टिंग बढ़ना तो दूर बल्कि और कम हो गई। उन्होंने कहा कि केजरीवाल पहले की तरह सिर्फ हवाबाजी कर रहे हैं । कोरोना के शुरुआती दौर में भी केजरीवाल सरकार ने कहा था कि अप्रैल के अंत तक कोरोना मरीजों के लिए 30 हजार बेड की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन हुआ कुछ नहीं और दिल्ली में ऐसे हालात पैदा हो गए कि एक दिन में कोरोना से मौत का आंकड़ा 100 तक पहुंचने लगा। हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक 27 अगस्त को 21061, 28 अगस्त को 22933, 29 अगस्त को 22004, 30 अगस्त को 20437 और 31 अगस्त को 14389 टेस्टिंग की गई है।
श्री गुप्ता ने कहा कि अभी तो घोषणा किए हुए महज 5 दिन ही बीते हैं कि केजरीवाल सरकार ने राजनीति भी करना शुरू कर दिया। पहले कहा कि टेस्टिंग बढ़ाने के लिए केंद्र रोक रही है। जबकि केंद्र सरकार साफ कर चुकी है कि टेस्टिंग बढ़ाने को लेकर उनका कोई हस्तक्षेप नहीं है।
श्री गुप्ता ने बताया दूसरी राजनीति केजरीवाल सरकार ने इस बात पर शुरू कर दी है कि दिल्ली में दिल्ली से बाहर वालों का इलाज चल रहा है। इसीलिए मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है। जबकि हकीकत यह है कि पिछले 5 दिनों में कंटेनमेंट जोन की संख्या 200 तक बढ़ गई है। तो क्या बाहरी लोगों के इलाज से दिल्ली में कंटेनमेंट जोन बढ़ रहे हैं? उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता भी जानती है कि कंटेनमेंट जोन स्थानीय मरीजों की संख्या के आधार पर तय किए जाते हैं। बाहरी लोगों के इलाज का मुद्दा बना कर केजरीवाल सरकार अपनी नाकामियां छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के पास अभी भी मौका है कि वह अपनी व्यवस्थाओं को सुधार कर स्थिति को बिगड़ने से रोक सकती है। अगर इस बार भी केजरीवाल सरकार ने दिल्ली वालों को मरने के लिए छोड़ दिया तो दिल्ली की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

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