सफाईकर्मी की मौत के लिए केजरीवाल सरकार पूरी तरह जिम्मेदार: बिधूड़ी
Date posted: 16 October 2020

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार की लापरवाही और संवेदनहीन व्यवहार के कारण पिछले शनिवार को मोलरबंद में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मजदूरों की हो रही मृत्यु हो गई जिससे दलित समाज में बहुत रोष है। आज दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं दिल्ली भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल की उपस्थिति में दिल्ली भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने चंदगीराम अखाड़ा, सिविल लाइन के पास केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व दिल्ली भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष भूपेंद्र गोठवाल ने किया। प्रदर्शन में प्रवक्ता मोहनलाल गिहारा, दिल्ली भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा महामंत्री राहुल गौतम, लाजपत राय सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और यह मांग की कि केजरीवाल सरकार मृतक सफाईकर्मियों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपए और घायल सफाईकर्मी को 50 लाख रुपए का मुआवजा शीघ्र दें।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि सेप्टिक टैंक सफाई के दौरान हुई दो मौतों के लिए केजरीवाल सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले 15 नवम्बर, 2019 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाकायदा एक प्रेस वार्ता आयोजित कर “मुख्यमंत्री सेप्टिक टैंक सफाई योजना“ का ऐलान किया था। इसके लिए मोबाइल नम्बर भी जारी कर दिया गया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार सभी अनधिकृत कालोनियों में सेप्टिक टैंकों मशीन से मुफ्त में सफाई कराएगी। इसके लिए शुरुआती तौर पर 80 ट्रकों की तैनाती की जानकारी भी मुख्यमंत्री ने साझा की थी और अपनी इस योजना से 45 लाख लोगों को लाभ पहुंचने का दावा भी किया था लेकिन सच्चाई यही है कि दिल्ली की सत्ता मिलने के बाद उन्होंने इस योजना को लागू करना जरूरी नहीं समझा। यदि यह योजना लागू कर दी गई होती तो आज यह हादसा नहीं होता।
मुख्यमंत्री ने स्वयं माना कि अनधिकृत कालोनियों में सेप्टिक टैंक या सीवर आदि की सफाई करने वाले ज्यादातर निजी लोग निजी तौर पर यह काम करते हैं जिन्हें इसका कोई खास अनुभव नहीं होता और न ही उनके पास कोई लाइसेंस ही होता है। यदि प्रकार दस्ताने, मास्क व अन्य सुरक्षा उपकरण भी उनके पास नहीं होते, इसीलिए दुर्घटनाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि बदरपुर को मोलड़बन्द में हुई घटना के मामले में भी यही हुआ। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि जब मुख्यमंत्री को हकीकत पता थी, फिर भी उन्होंने अपनी घोषणा के बावजूद इस योजना को दिल्ली में क्यों नहीं लागू किया।
प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मैनुअल स्केवेंजर्स के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 जिसके अंतर्गत सभी रूपों में हाथ से मैला ढोने पर प्रतिबंध को मजबूत करता है और मैला ढोने के लिए मजबूर करने वालों के लिए कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया। 2015 में सत्ता में आई केजरीवाल सरकार ने भी यह दावा किया कि दिल्ली में मैनुअल स्कैवेंजिंग पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। सफाईकर्मियों को सुरक्षा उपकरण, मशीन उपलब्ध करवाए जाएंगे, उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा लेकिन दिल्ली में आज भी मैनुअल स्कैवेंजिंग होती है जिसके कारण सफाईकर्मियों की मृत्यु होती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की बयानबाजी और वास्तविकता में जमीन-आसमान का अंतर है जिसका उदाहरण है मुख्यमंत्री सेप्टिक टैंक सफाई योजना, जिसे 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़े ही जोर शोर के साथ शुरू किया गया। इस योजना के तहत कोई भी दिल्लीवासी सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए दिल्ली सरकार द्वारा जारी नंबर पर संपर्क कर मुफ्त में सेप्टिक टैंक सफाई करवा सकता है, लेकिन यह योजना भी सिर्फ चुनावी बातें ही थी। सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 3 वर्षों में लगभग 40 से ज्यादा सफाई कर्मियों की मृत्यु हुई है। सफाईकर्मियों का हितैषी बनने का नाटक करने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल सिर्फ और सिर्फ उन्हें धोखा ही दे रहे हैं। इसलिए 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री केजरीवाल मोलड़बंद हादसे के मृतक परिजनों या घायल सफाई मिलने नहीं गए हैं।
दिल्ली भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष भूपेंद्र गोठवाल ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच में सफाईकर्मी अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर दिल्ली के लोगों की सेवा कर रहे हैं। आए दिन सेप्टिक टैंक की सफाई करने के दौरान सफाई कर्मियों की मौत हो रही है। विधानसभा चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल वादा किया था कि मुख्यमंत्री सेप्टिक टैंक सफाई योजना के तहत सफाईकर्मियों का विशेष ध्यान रखा जाएगा, उन्हें सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए टैंक में नहीं उतरना होगा, उन्हें जरूरी आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। लेकिन यह योजना कागजों तक ही सिमट कर रह गई। आज तक सफाई कर्मियों को आधुनिक मशीनें उपलब्ध नहीं कराई गई, इसका दुखद परिणाम है कि दो सफाईकर्मियों की मृत्यु हो गई। हमारी यही मांग है कि मुख्यमंत्री सेप्टिक टैंक सफाई योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करें और मृतक के परिजनों को मुआवजा प्रदान किया जाए। उक्त विषय पर अगर दिल्ली सरकार द्वारा शीघ्र ही कार्रवाई नहीं की गई तो एक बड़े आंदोलन के लिए दलित समाज को सड़क पर उतरना होगा जिसके जिम्मेदार दिल्ली सरकार होगी।
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