अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने में जान बूझ कर देरी कर रही है केजरीवाल सरकार-मनोज तिवारी
Date posted: 6 February 2019
नई दिल्ली, 6 फरवरी। दिल्ली में अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करना अपने आप में एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि इससे दिल्ली के लाखों लोगों का जीवन प्रभावित होता है। सत्ता में आने से पूर्व अनधिकृत कालोनियों को नियमित करना आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार का एक बड़ा चुनावी वादा रहा है। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने वायदा किया था कि वे दिल्ली की सभी अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करेंगे, आगामी 14 फरवरी को अरविन्द केजरीवाल को सत्ता में आये 4 साल हो जायेंगे पर अब तक एक भी कालोनी को नियमित नहीं किया गया न ही वहां विकास पहुंचा पाये।
इस मुद्दे पर केन्द्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पूरी ने साफ कर दिया कि इन कालोनियों को विकास से वंचित रखने के लिए केजरीवाल सरकार ही जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक बार फिर इन कालोनियों को नियमित करने के लिए और 2 साल का समय माँगा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्थानीय सरकार के साथ सभी मुद्दों को हल करके प्रक्रिया को तेज करने के लिए 2017 में आवास और शहरी मामलों के सचिव (दुर्गा शंकर मिश्रा) के तहत एक समिति का गठन किया गया था। दिल्ली सरकार ने तब कहा था कि इन मुद्दों को हल के लिए उन्हें 2 साल का समय चाहिए। उन्होंने कहा कि हम समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन दिल्ली सरकार इस पर काम करने को तैयार नहीं है और वे केंद्र सरकार को दोषी ठहराते रहते हैं।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली की लगभग आधी आबादी इन 1700 अनाधिकृत कालोनियों में रहती है तो जाहिर सी बात है कि इन कालोनियों में विकास और अन्य सुविधाओं के मुद्दे वोट बैंक में महत्वपूर्व भूमिका निभाते हैं। दिल्ली के पिछले साल के 53,000 करोड़ रूपये के बजट में दिल्ली सरकार ने इन कालोनियों के विकास के लिए 1,500 करोड़ रुपये आबंटित किये थे लेकिन आज भी ये कालोनियां सड़कों, सीवर, पानी आदि की समस्याओं से घिरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि किराड़ी विधानसभा की अनेक अनाधिकृत कालोनियों में बारिश के पानी की वजह से सड़कें तहस नहस रही, सड़कों पर पानी भरा रहा। कई कालोनियों में अभी भी पानी की पाइपलाइन और सीवर की सुविधा तक नहीं पहुंची है। इतनी समस्याओं के बावजूद केजरीवाल सरकार ने 4 साल से इस मुद्दे पर कोई काम नहीं किया केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करते रहे।
श्री तिवारी ने कहा कि अब चुनाव नजदीक आ गये तो मुख्यमंत्री को इन कालोनियों में रहने वाले लोगों का ख्याल आया है लेकिन अब भी वे केवल वोट बैंक की राजनीति ही कर रहे हैं यदि वास्तव में उनकी काम करने की मंशा होती तो वे केवल काम करके दिखाते अपनी विफलताओं का ठीकरा केंद्र सरकार पर न फोड़ते। यह जगजाहिर है कि दिल्ली सरकार अपने हर वादे को पूरा करने में नाकाम साबित हुई है और अनाधिकृत कालोनियों के लोगों के साथ भी केवल विश्वासघात ही कर रही है। इन कालोनियों में रहने वाली जनता समस्याओं से त्रस्त है लेकिन केजरीवाल जी इसमें अपना राजनीतिक फायदा तलाश रहे हैं और जनता को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि धरना भी ए.सी. कमरे में सोफे पर बैठ कर करने वाले लोग इन गरीब परिवारों का दर्द कैसे समझेंगे? खुद को आम आदमी बता कर सत्ता में आये लोग दिल्ली के मालिक बन बैठे हैं वो इन अनाधिकृत कालोनियों में रहने वाले लाखों लोगों की समस्याओं को कैसे समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि धरना मास्टर यदि वास्तव में अपनी भूल का सुधार कर इन कालोनियों में रहने वाले लोगों को राहत देना चाहते हैं तो अपना वादा जल्द से जल्द निभाएं केजरीवाल। लोगों को भ्रमित करने के लिए केंद्र पर आरोप लगा कर उनसे झूठ न बोलें। काम करने की मंशा है तो काम करके दिखाएँ झूठ की राजनीति बंद करें।
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