स्कूलों के बच्चों को पत्र भेजकर उनका राजनैतिक इस्तेमाल कर रहे हैं केजरीवाल-मनोज तिवारी
Date posted: 18 February 2019
नई दिल्ली, 18 फरवरी। दिल्ली के सरकारी स्कूलो में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नाम से भेजे गए लेटर का विरोध होना शुरू हो गया है और दिल्ली पैरेंट्स एसोशिएशन ने चुनाव आयोग से मामले की शिकायत की है। इस मामले में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने भी दिल्ली सरकार पर राजनैतिक फायदे के लिए स्कूली बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार पर वोटों की फसल काटने के लिए झूठे दावे कर रही है और अपने राजनैतिक फायदे के लिए छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। संवैधानिक पद पर आसीन अरविन्द केजरीवाल का यह कदम काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और राजनैतिक हित साधने के लिए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करना बेहद निंदनीय कृत्य है।
श्री तिवारी ने अरविन्द केजरीवाल पर निजी फायदे के लिए सरकारी डाटा के दुरूपयोग करने का आरोप लगाया और कहा कि वो इस मामले को चुनाव आयोग के सामने फिर उठाएंगे। केजरीवाल का यह लेटर झूठ का पुलिंदा है। इस लेटर के अभिभावकों और बच्चों को गुमराह करके सिर्फ अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं जबकि कोई भी राजनैतिक पार्टी इस तरह बच्चों की जानकारी अपने राजनैतिक हित के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकती है।
श्री तिवारी ने केजरीवाल पर वादा पूरा न करने का भी आरोप लगाया और कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार भले ही शिक्षा के क्षेत्र में सुधार का लाख दावा कर रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि दिल्ली के शिक्षा क्ष्ेात्र में सुधार करने के लिये दिल्ली सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
श्री तिवारी ने अरविंद केजरीवाल पर वादा पूरा न करने का भी आरोप लगाया और कहा कि केजरीवाल सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र में 500 नए स्कूल और 20 कॉलेज बनाने का वादा किया था, लेकिन एक भी नहीं बन सका है। कुछ स्कूलों के कमरे तो तैयार हो गए हैं परंतु सच्चाई ये है कि न तो शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और न फेल हुए 66 फीसदी छात्रों को एडमिशन दिया गया है।
श्री तिवारी ने कहा कि गैर कानूनी तरीके से डाटा निकाल कर राजनैतिक हित साधने के इस मामले को लेकर भाजपा चुनाव आयोग के पास जाएगी और मांग करेगी कि गैर कानूनी तरीके से एकत्र किया गया डाटा जब्त किया जाये और आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द की जाए।
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