दिल्ली को बर्बाद करने वाले केजरीवाल इस्तीफा दें: आदेश गुप्ता

नई दिल्ली:  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से खराब कर देने, लाखों लोगों को उपचार के लिए निजी क्षेत्रों के भरोसे छोड़ देने और टीकाकरण जैसी जरूरी सेवाओं में भी हाथ खड़े कर लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे तो अच्छा है कि केजरीवाल इस्तीफा देकर घर बैठ जाए ताकि दिल्ली को और बर्बाद होने से बचाया जा सके।

उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में 18 से अधिक उम्र के युवाओं का टीकाकरण का काम सरकारी क्षेत्रों में ठप पड़ा हुआ है, लेकिन निजी क्षेत्रों में ऊंचे दामों पर टीकाकरण किया जा रहा है। इसके लिए 1200 रुपये से 1800 रुपए तक मनमाने ढंग से लिए जा रहे हैं। इस मामले में केजरीवाल सरकार को तुरंत संज्ञान लेते हुए इसके अधिकतम दाम तय कर इसके प्राइस कैपिंग करनी चाहिए। ताकि आम जनता को लूटने से बचाया जा सके।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के लोगों का केजरीवाल सरकार ने हर मामले में भरोसा तोड़ा है। जब कोरोना महामारी जोरों पर थी तब दिल्ली के स्वास्थ्य तंत्र की पूरी तरह पोल खुल गई। ऑक्सीजन का इंतजाम करने के बजाय केंद्र सरकार और निजी अस्पतालों के भरोसे पीड़ितों को छोड़कर केजरीवाल अपने ही राग अलापते रहे। इतना ही नहीं दवाओं तक इनकी सरकार ठीक से उपलब्ध नहीं करा सकी। चारों तरफ हाहाकर और लूट मची रही, लेकिन आप के मंत्री और विधायक जनता के हित में कुछ करने के बजाए दवाओं और ऑक्सीजन की कालाबाजारी, जमाखोरी और मुनाफाखोरी में जुटे रहे।
आदेश गुप्ता ने कहा कि टीकाकरण को लेकर जिस तरह से केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया उससे लगा कि उनसे बेहतर तो कोई प्रबंधन कर ही नहीं सकता। केंद्र सरकार से 18़ आयु वर्ग के टीकाकरण की जिम्मेदारी छीन कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब कहाँ छिपे बैठे हैं किसी को नहीं पता और टीकाकरण का काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। केजरीवाल सरकार एक बार फिर से केंद्र सरकार को जिम्मेदारी लेने की बात कह रहे हैं इससे स्पष्ट होता है कि वे दिल्ली में सरकार चलाने के काबिल नहीं है और जिम्मेदारी लेने के बावजूद वे टीका मंगवा नहीं सके।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार का मंत्रालय न ही टीका मंगवा सका और न ही जो टीके, केंद्र सरकार से मिले उन्हें लोगों तक पंहुचा सका। टीकाकरण में जिस तरह से 45 वर्ष से अधिक की़ आयु वर्ग के लिए निगमों के अस्पताल और डिस्पेंसरी ने कार्य किया है उससे परेशान केजरीवाल सरकार ने उन्हें इस काम से ही हटा दिया। इस वजह से जो टीकाकरण कुछ हद तक हो रहा था वह भी बंद हो गया और अभी दिल्ली में न वैक्सीन है और ना ही टीकाकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में उच्च न्यायालय भी टिप्पणी कर चुका है लेकिन केजरीवाल और उनके स्वास्थ्य मंत्री सत्ता से चिपके हुए हैं। सत्ता जनता की सेवा के लिए होती है जिसमें केजरीवाल सरकार पूरी तरह से विफल हुई है। ऐसे में दिल्ली की केजरीवाल सरकार को इस्तीफा देकर घर बैठ जाना उनके लिए एक अच्छा कार्य होगा जिससे वह कर ले तो दिल्ली की जनता आने वाले एक बड़े संकट से बच जाएगी।

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