कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारु रूप से चल रही है: सहगल
Date posted: 16 May 2021
लखनऊ: अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा बनायी गयी कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश में 2.50 लाख से अधिक टेस्टिंग की जा रही है। एग्रेसिव टेस्टिंग में नए केस लगातार कम आ रहे है, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या में बढोत्तरी हो रही है। उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को प्रदेश में लगभग 1.70 लाख एक्टिव केस थे, जो 13 दिनों के भीतर बढ़कर 30 अप्रैल को सर्वाधिक 03 लाख 10 हजार तक पहुंच गए थे।
सतत प्रयासों का परिणाम है कि आज 15 दिनों के बाद एक बार फिर एक्टिव केस की संख्या घटकर 1,77,643 रह गई है। प्रदेश की रिकवरी दर अब लगभग 88 प्रतिशत हो गई है। विगत 24 घंटों में प्रदेश में 02 लाख 56 हजार 755 टेस्ट किए गए। इसी अवधि में 12,547 नए कोविड केस की पुष्टि हुई, जबकि इसी अवधि में 28,404 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। अब तक 4 करोड़ 44 लाख 27 हजार 447 टेस्ट किये गये है। सर्विलांस की कार्यवाही निरन्तर चल रही है। प्रदेश में अब तक सर्विलांस टीम के माध्यम से 16.82 करोड़ की जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है।
श्री सहगल ने बताया कि कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारु रूप से चल रही है। 45 वर्ष से अधिक लोगों के साथ साथ 18-44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगायी जा रही है। अब तक 01 करोड़ 16 लाख लोगों ने पहली डोज और 31 लाख 82 हजार लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज प्राप्त कर ली है। इस तरह 01 करोड़ 47 लाख कोविड वैक्सीन एडमिनिस्टर हुए हैं। वर्तमान में 18 जनपदों में 18-44 आयु वर्ग का टीकाकरण हो रहा है, अब अगले चरण में आगामी सोमवार से प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालय वाले सभी जिलों में भी इस आयु वर्ग का टीकाकरण प्रारम्भ किया जायेगा। प्रदेश के सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क है। वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ग्लोबल टेण्डर जारी किया गया है।
श्री सहगल ने बताया सर्विलान्स के साथ-साथ गाँवों में लोगों से सम्पर्क करते हुए कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट तथा उन्हें मेडिकल किट प्रदान की जा रही है। निगरानी समितियों के द्वारा गाँव में रहने वाले लोगों से सम्पर्क कर कोविड लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों का आरआरटी टीम द्वारा एन्टीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गाँव में संक्रमणयुक्त लोगों को होम आइसोलेशन में रखने के लिए गाँव में ही पंचायत भवन/स्कूल/सरकारी इमारतों मंे आइसोलेट करके उनका उपचार किया जा रहा है। उन्होंने निगरानी समिति द्वारा गांव के केवल एक ही हिस्से का सर्वेक्षण करने की भ्रामक खबर का खडन करते हुये बताया कि गांव में निगरानी समिति गांव के प्रत्येक मजरे जा कर रहने वाले लोगों से कोविड लक्षण की जानकारी ले रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा गांवों में चलाये जा रहे इस अनूठे अभियान की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा नीति आयोग द्वारा की गयी है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से बचाव एवं व्यवस्था सम्बन्धी कार्यों हेतु जनपदों में प्रमुख सचिव एवं सचिव स्तर के वरिष्ठ नोडल अधिकारियों की तैनाती की गयी है, जो जनपद में रहकर कोविड-19 संक्रमण के नियंत्रण करने के कार्यों की समीक्षा करेंगें। इसके अतिरिक्त नगर पंचायतों के लिए सेक्टर अधिकारी नियुक्त किये गये है।
श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19 की सम्भावित तीसरी लहर में बच्चो के स्वास्थ्य सुरक्षा के विशेष इंतजाम करने के उद्देश्य से सभी जिला अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू को तैयार कराये जाने के निर्देश दिये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड मरीजों के लिए आॅक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है। माह मार्च, 2021 से अब तक लगभग 30 हजार से अधिक बेड बढ़ाये गये हैं, जिसमें अधिकतर बेड आॅक्सीजनयुक्त बेड हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नये मामलों के कम आने से आक्सीजन की मांग में कमी आयी है। प्रदेश में आक्सीजन पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों को उपलब्ध करायी जा रही है। जिसके क्रम में कल अस्पतालों में 1010 मीट्रिक टन से अधिक आक्सीजन की सप्लाई की गयी है।
श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में नदियों में कुछ स्थानों पर शव बहाये जाने पर मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को निर्देश दिया है कि प्रदेश में राज्य आपदा प्रबन्धन बल (एसडीआरएफ) तथा पी0ए0सी0 की जल पुलिस को प्रदेश की सभी नदियों में पेट्रोलिंग करते हुए लोगों को नदी में शव न बहाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नदियों के किनारे स्थित सभी गांवों तथा शहरों में ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान तथा शहरों में अधिशाषी अधिकारी व नगर पालिका/नगर पंचायत/नगर निगम के अध्यक्षों के माध्यम से समितियां बनाकर यह सुनिश्चित करंेगें कि कोई भी व्यक्ति नदियों में शव का जल प्रवाह न करे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसकी मृत्यु हुई है उसे सम्मानजनक रूप से उसकी अन्त्येष्टि करायी जाए। सरकार द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए बजट की स्वीकृति की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश स्तर पर बनी विशेषज्ञ चिकित्सक टीम को ब्लैक फंगस बीमारी के समुचित इलाज व्यवस्था एवं गाइडलाइन्स तैयार करने के निर्देश दिए है।
जिसके क्रम में अस्पतालों को ब्लैक फंगस बीमारी से सम्बन्धित जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी के सम्बन्ध में आज पीजीआई से सभी जिलों के चिकित्सकों का एक वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेशव्यापी आंशिक कोरोना कर्फ्यू के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आंशिक कोरोना कर्फ्यू में वैक्सीनेशन, औद्योगिक गतिविधियों, मेडिकल सम्बन्धी कार्य आदि आवश्यक अनिवार्य सेवाओं को यथावत जारी रखा गया है। आंशिक कोरोना कर्फ्यू की अवधि में पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फाॅगिंग अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 49 हजार कन्टेनमेंट जोन है। इन कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों को सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं की डोर टू डोर होम डिलेवरी की जा रही है। प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां तेजी से चलायी जा रही हैं। प्रदेश में पंजीकृत 08 लाख से अधिक औद्योगिक इकाइयों द्वारा मजदूरों को काम दिया जा रहा है। इन औद्योगिक इकाइयों में लगभग 01 लाख से अधिक कोविड हेल्प डेस्क बनाये गये हंै।
इसके अलावा जिन औद्योगिक संस्थानों में 50 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे ऐसे औद्योगिक संस्थानों में 1600 से अधिक कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। इन कोविड केयर सेंटरों में लगभग 05 हजार बेड हैं। जिससे वहां पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को समय से इलाज मिल सके। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी, पटरी, ठेला, श्रमिकों, पल्लेदार आदि लोगों को सामुदायिक किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
श्री सहगल ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना के अंतर्गत किसानों को उनके खातों में कल वितरित की गयी है। प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहँू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहँू क्रय अभियान में अब तक 05 लाख से अधिक किसानों से 25,72,493.97 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है, जो विगत वर्ष से दुगुना है। उन्होंने बताया कि खरीफ फसल के लिए समुचित खाद, बीज एवं दवा आदि व्यवस्था की जा रही है। कोविड-19 के कफ्र्यू के दौरान कृषि उपकरणों के मरम्मत तथा खाद बीज की दुकानों को खोला जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
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