कोरोना की रोकथाम के लिए जरूरी है लॉकडाउन: संजय जायसवाल
Date posted: 24 May 2021
पटना: बिहार सरकार द्वारा 1 जून तक लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज कहा कि आपदा की स्थिति में नागरिकों के जान-माल की रक्षा के लिए न चाहते हुए भी सरकारों को कुछ कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं. लोगों को इससे थोड़ी असुविधा होती है लेकिन इन निर्णयों के दूरगामी प्रभाव होते हैं, जिससे हर तरह से जनता ही लाभान्वित होती है.
उन्होंने कहा कि एकाएक आये कोरोना के इस दूसरे वेग का प्रभाव अब शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ जाने लगा था. हालांकि अभी उन क्षेत्रों में शहरों की अपेक्षा कोरोना के कम मामले सामने आये हैं, लेकिन सरकार इस मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. इसीलिए लॉकडाउन में विस्तार बेहद जरूरी है. बहरहाल धान की खेती के आने वाले मौसम को देखते हुए सरकार ने इस बार खाद-बीज और कृषि यंत्रों की दुकानों को सातो दिन खोलने की छूट दे दी है, जो किसानों के लिए काफी सहायक साबित होगा.
डॉ जायसवाल ने कहा कि कोरोना की चेन ब्रेक करने के लिए लॉकडाउन सबसे अंतिम लेकिन सबसे कारगर उपाए होता है. लॉकडाउन लगने के बाद से बिहार में कोरोना संक्रमण में आयी गिरावट इसका सबसे पुख्ता सबूत है. बिहार में 5 मई लॉकडाउन लगाते समय जहां संक्रमण की दर 15% तक पहुंच चुकी थी, वहीं आज यह घट पर 3.11% तक आ चुकी है. सूबे की रिकवरी रेट भी बढ़ कर 93.44% तक पहुंच चुकी है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लॉकडाउन के बाद संक्रमण दर में आ रही कमी एक शुभ संकेत है. सावधानियों के सहारे कोरोना को किस प्रकार काबू में किया जा सकता है, यह इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है. लेकिन हमें अभी और सख्ती बरतनी है, तभी कोरोना पर जल्द लगाम लगायी जा सकती है और लॉकडाउन को समाप्त किया जा सकता है.
लोगों से टीका लेने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना टीके को लेकर कई पार्टियों के बयानबहादुर नेता और तथाकथित बुद्धिजीवी कई तरह की अफवाहें फैला रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो इन टीकों का फायदा स्वत: दिख जाता है. आंकड़ों के मुताबिक देश में टीका नहीं लेने वालों में पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा है, जबकि कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन लेने वालों में यह दर महज 0.04 और 0.03 प्रतिशत है. वह भी सिर्फ इसलिए कि टीका लेने के बाद शरीर में प्रतिरोधी क्षमता आने में कुछ वक्त लगता है, इसलिए टीका लेने वालों को भी जरूरी सावधानियों का पालन करने के लिए कहा जाता है. सरकार के निरंतर प्रयासों से अगले महीने तक भारत में वैक्सीन बनने की क्षमता व्यक्ति लेने वालों से ज्यादा हो जाएगी. इसीलिए मेरी सबसे अपील है कि अपनी बारी आने पर टीका अवश्य लगवाएं तथा दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें.
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