महागठबंधन का मानव श्रृंखला एक राजनीतिक फ्लाॅफ ड्रामाः मंगल पांडेय
Date posted: 28 January 2021
पटना: महागठबंधन द्वारा 30 जनवरी को आयोजित मानव श्रृंखला को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि यह एक राजनीतिक फ्लाॅफ ड्रामा के सिवाय कुछ भी नहीं है। श्री पांडेय ने कहा कि किसान आंदोलन की आग में विपक्ष सियासी रोटी सेंकने का असफल प्रयास कर रहा है। किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले ऐसे नेता अपने राज्य में दाल गलता नहीं देख राजनीति चमकाने के लिए दिल्ली में किसान आंदोलन को न सिर्फ हवा दे रहे हैं, बल्कि मानव श्रृंखला का ढोंग रच किसानों एवं देश को पुनः गुमराह करने की साजिश रच रहे हैं। न सिर्फ कांग्रेस बल्कि तमाम विपक्षी पार्टियां किसान आंदोलन को लंबा खिंचवाने में एड़ी-चोटी एक किये हुए हैं।
श्री पांडेय ने कहा कि राज्य के किसान एनडीए सरकार की नीतियों से खुश एवं संतुष्ट हैं। एनडीए सरकार द्वारा राज्य में किसानों के लिए चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाआंे से सूबे के किसानांे की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है। रबी हो या खरीफ दोनों फसलों की खेती में किसानों का हर तरह की सहायता मिल रही है। महागठबंधन का मानव श्रृंखला किसानों के हित के लिए नहीं है, बल्कि हाशिये पर जा पहुंचे कुछ नेताओं के स्वहित के लिए है।
श्री पांडेय ने कहा कि राज्य के किसानों को दिल्ली आंदोलन से कोई वास्ता नहीं है। सूबे के किसानों ने पहले ही विपक्ष को ठेंगा दिखा दिया है। यह कोई पहला मौका नहीं है। इसके पहले भी कांग्रेस के सहयोग से राजद ने राज्य की जनता को कई मुद्दे पर बरगलाने का काम किया है, लेकिन जनता ने विपक्ष के हर तरकीब को सिरे से नकार कर उन्हें आईना दिखाने का काम किया है।
श्री पांडेय ने कहा कि आज जिस वाम दलों को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मानव श्रृंखला बनाने की बात कर रहे हैं, उसी वाम दलों ने उनके माता-पिता के शासनकाल में किसानों की खेती चैपट की और खेतों पर जबरन लाल झंडा गाड़ किसानों को उनके खेतों से बेदखल करने का काम किया है। श्री पांडेय ने कहा कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन के नाम पर कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी पार्टियों की शह पर किसान नेताओं ने दिल्ली में जिस तरह हिंसा एवं अव्यवस्था फैलायी, वह अत्यंत दुखद और निंदनीय है। किसान के वेश में देशद्रोही नेताओं द्वारा लाल कीला पर कब्जा करने की असफल कोशिश लोकतंत्र के इतिहास में स्याह दिन के रूप में लिखा जायेगा। समय आने पर देश की जनता इन तथाकथित किसान नेताओं को माकूल जवाब देगी।
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