एक भी कायस्थों का मनोयन परिषद में नही होने के लिए एनडीए के कायस्थ नेता जिम्मेवार

पटना: मिशन टू करोड़ चित्रांश अंतर्राष्ट्रीय, विश्व कायस्थ ऑर्गेनाइजेशन और कर्ण कायस्थ कल्याण मंच ने राजयपाल कोटे से परिषद के लिए हुए मनोयन के लिय एनडीए में शामिल कायस्थ नेताओ को जिम्मेवार ठहराया है। एनडीए के किसी कायस्थ समाज के नेता ने कभी अपने नेतृत्व के समक्ष यह मांग रखा ही नही।
मिशन टू करोड़ चित्रांश अंतर्राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्रकर्ण ने कहा की कायस्थ समाज मनोनीत किए गए किसी भी समाज का विरोधी नहीं है।परंतु अगर किसी का अधिकार बनताथा तो वह अधिकार कायस्थ समाज का था। कायस्थ समाज एनडीए का एकमात्र वोटर है , जिसका शत प्रतिशत वोट शुरू से ही एनडीए को मिलता रहा है।बनाए गए कई तो विधान सभा चुनाव में एनडीए के विरोध मे थे,और कई के समाज का वोट खरिका करने के लिए भी एनडीए को नही मिला।श्री कर्ण ने कहा कि इस मनोयन पर भारत नेपाल के साथ साथ अन्य देशों में रह रहे कायस्थों की जहा नजर थी ,वही उन्हे आशा था कि कम से कम एक कायस्थ को परिषद में एनडीए स्थान देगी।

मिशन टू करोड़ चित्रांश अंतर्राष्ट्रीयके अंतराष्ट्रीय संयोजक अनिल कर्ण,भारत नेपाल के समन्यबक चितरंजन श्रीवास्तव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश कुमार कंठ,सचिव श्रीमती जीवन कर्ण, बिहार उपाध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव बंदना सिन्हा , बंदना दत्ता डॉली, विश्व कायस्थ ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक सक्सेना, संयोजक जितेन्द्र श्रीवास्तव, कर्ण कायस्थ कल्याण मंच के अध्यक्ष विनय कुमार कर्ण उपाध्यक्ष सुनील कुमार कर्ण, महासचिव संजय कुमार, कोषाध्यक्ष संजीव कुमार , महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष विभा लाल, महासचिव गंगा कर्ण ने भी राजयपाल कोटे से परिषद के लिए होने वाले सूचि को देखकर हैरानी वयक्त करते हुए एनडीए के पक्ष में सौ प्रतिशत मतदान करने वाले कायस्थ समाज के एक भी प्रतिनिधि को परिषद में नही भेजने के लिए एनडीए की आलोचना की है।वर्षो तक मंत्री मंडल में कायस्थ समाज को वंचित रखा। अब मनोयन में आशा थी उस पर भी कुढ़ाराघात कर दिया।इसकी कीमत जरूर एनडीए को भविष्य में उठाना पर सकता है। इन नेताओ ने टुकड़े टुकड़े में बटे कायस्थ समाज के संगठनो से अपील की है की वे एनडीए की इस नीति का विरोध एकजुट होकर
करे।

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