बिना दवा मानसिक रोगियों को ठीक करने की नई तकनीक
Date posted: 30 January 2022

नोएडा: माइंड ब्रेन इंस्टीट्यूट, सफदरजंग नई दिल्ली ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और उपचार के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक मीडिया मीट का आयोजन किया।इस दौरान डॉ अनुरंजन बिष्ट, डॉ नाज़िम अली इदरीसी ब्रांड एंबेसडर अलेक्जेंड्रा मैटज़ाक – ग्रैबस्का और चारु दास, सीडी फाउंडेशन ने माइंड ब्रेन इंस्टीट्यूट में उपलब्ध उपचार के विभिन्न पहलुओं को पेश करने के लिए मीडिया से बात की।कार्यक्रम के दौरान अमेरिका के लास वेगास में एक दशक से अधिक समय तक कार्य करने वाले डॉ अनुरंजन बिष्ट ने बताया कि आज के दौर में तनाव,चिड़चिकापन,आत्महत्या का ख्याल आना या फिर मस्तिष्क से जुड़ी कई बीमारियों लोगों को होना आम बात हो गयी है।ऐसी बीमारियों के लिए दवाओं को नियमित तौर पर लेना पङता है।
लेकिन अब इन बीमारियों का इलाज दवाओं से नही बल्कि आधुनिक तकनीक से कुछ दिनों में संम्भव है। अमेरिका के बाद अब यह टीएमएस तकनीक भारत में भी उपलब्ध है जो एफडीए द्वारा स्वीकृत, गैर इनवेसिव है जिसमें किसी दवा या सर्जरी की जरुरत नही पड़ती है। दिल्ली के जाने माने डॉक्टर अनुरंजन बिष्ट के द्वारा इस तकनीक का इस्तेमाल करके अब तक 200 मानसिक रोगियों को ठीक किया जा चुका है।इस तकनीक का इस्तेमाल करके दो से तीन सिटिंग में मनोरोगी को ठीक किया जा सकता है।
माइंड ब्रेन इंस्टीट्यूट,सफदरजंग नई दिल्ली के डॉक्टर अनुरंजन बिष्ट ने बताया कि मानसिक रोगों में अब तक दी जाने वाली दवाएं मरीज को कुछ समय तक तो फायदा देती हैं लेकिन अधिकांश मरीज दवाओं के सहारे अधिक दिन तक नहीं रहना चाहते है। ऐसे मरीजों के लिए डिफाइब्रेशन या फिर मैगनेटिक तरंगों के इलाज को बेहतर कहा जा सकता है।आपको बता दे कि ट्रांसमैग्नेटिक स्टिम्युलैशन (टीएमएस) में बेहद कम वेग की न्यूरोमैगनेटिक तरंगों को मस्तिष्क के प्रभावित जगह पर पहुंचाया जाता है। एक विशेष उपकरण को सिर के ऊपर रखकर तरंगों को मस्तिष्क में प्रवाहित किया जाता है।साधारण एंजाइटी, डिप्रेशन,लंबे समय के दर्द व अन्य रोगों को इस विधि से सही किया जा सकता है।
Facebook Comments