अब आम आदमी पार्टी को ‘अरविन्द आराजक पार्टी’ बुलाना चाहिए: आदेश गुप्ता

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में जो हिंसा हुई उसमें आम आदमी पार्टी का सीधा हाथ है। इस बात का खुलासा करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने हिंसा में शामिल आम आदमी पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ताओं के वे सभी फोटोग्राफ मीडिया से साझा किया जिसमें लाल किले में तिरंगे को अपमानित करने वाली घटना से लेकर सड़कों के हुड़दंगई में उपस्थित थे।

हिंसा के दौरान केजरीवाल सरकार के कई मंत्रियों और नेताओं को उपद्रवियों की चाकरी करते हुए देखा गया है। सिंघु बॉर्डर पर फ्री वाई-फाई लगाकर और आंदोलन के लिए फंडिग करने वालों के साथ मिलकर केजरीवाल ने जिस तरह से इस हिंसा को सह दी है, वह पूरी तरह से उजागर हो गया है। प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल, उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार और मीडिया रिलेशन के प्रभारी हरीश खुराना उपस्थित रहे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से गणतंत्र दिवस के दिन जो कुछ भी हुआ वह बेहद ही शर्मनाक था। एक तरफ राजपथ पर देश के जवान उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे थे, तो दूसरी तरफ लोकतंत्र को शर्मसार करने और धज्जियां उड़ाने वाले दृश्य भी देखे गए। दिल्ली को बंधक बनाने वाले कोई और नहीं बल्कि ये वो लोग हैं जो आज दिल्ली की सरकार चला रहे हैं। आम आदमी पार्टी के लोग उन उपद्रवियों में शामिल होकर उनको हवा देने का काम कर रहे थे। लाल किले पर हुई शर्मनाक घटना के पीछे केजरीवाल सरकार का हाथ है। उन्होंने जो कहा था, आज उसे सच कर दिखाया है। 26 जनवरी 2014 को केजरीवाल ने कहा था कि हां, मैं आरजकवादी हूं और मैं 26 जनवरी की परेड नहीं होने दूंगा।
दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, वो केजरीवाल की देन है। केजरीवाल का सिंघु बॉर्डर पर खुद जाकर फ्री वाईफाई उपलब्ध करवाना और पंजाब में जाकर उपद्रवियों के फाइनैन्सर से मिलना इस बात का प्रमाण है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली के अंदर आराजकता का माहौल पैदा करना चाहती थी। लाल किले की शर्मनाक घटना में शामिल आप के कार्यकर्ताओं की तस्वीर को मीडिया को दिखाते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी का नाम ‘अरविन्द आराजक पार्टी’ होना चाहिए, क्योंकि इनकी मानसिकता ही आराजकवादी है। दिल्ली में संवैधानिक व्यवस्थाओं को तार-तार करने के लिए आम आदमी पार्टी की यह सुनियोजित साजिश है। ये पहली बार नहीं है जब इनकी आराजकवादी सोच बाहर आई हो। कभी सोमनाथ के रुप में, कभी ताहिर हुसैन के रुप में, तो कभी अमानतुल्लाह के रुप में इनकी देशविरोधी सोच बाहर आती रही है।

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