अब शराब का दाम और जांच निजी हाथों में: रामवीर सिंह बिधूड़ी
Date posted: 2 April 2021
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को सबसे बड़ा झूठा व्यक्ति बताते हुए कहा कि वो जो कहते हैं करते नहीं और जो करते हैं वे कहते नहीं। उन्होंने सरकार की नई शराब नीति को जनविरोधी बताते हुए कहा कि भाजपा इसका हर गली-मोहल्ले में विरोध करेगी।
जंतर-मंतर पर हुए भाजपा के मौन उपवास में अरुण सिंह के अलावा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, सांसद मीनाक्षी लेखी, राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आर पी सिंह, प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा एवं दिनेश प्रताप सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, कर्म सिंह कर्मा, बरखा सिंह, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश, पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन, महिला मोर्चा की अध्यक्ष योगिता सिंह, पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष कौशल मिश्रा, युवा मोर्चा अध्यक्ष वासु रुक्खड़, अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष भूपेन्द्र गोठवाल सहित प्रदेश, जिला एवं मंडल के भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा ने किया।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने जंतर-मंतर पर प्रदेश भाजपा के मौन उपवास के समापन अवसर पर कहा कि दिल्ली सरकार की नई शराब नीति भ्रष्टाचार पर आधारित है और इसमें आम आदमी पार्टी को चंदे का पूरा ध्यान रखा गया है जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि इस जनविरोध नीति और सरकार के खिलाफ भाजपा का आंदोलन तब तक चलेगा जब तक आप सरकार को सत्ता से बाहर न कर दें। हम केजरीवाल की नींद हराम कर देंगे।
इससे पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में पार्टी नेता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधिस्थल राजघाट जाकर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के लिए सदबुद्धि मांगी ताकि वे दिल्ली को बर्बाद करने वाली शराब नीति को वापस ले लें। जंतर-मंतर पर सबोधन के दौरान गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल खुद की कमाई बढ़ाने के लिए नई आबकारी नीति लाये हैं जिसमें हर वार्ड में तीन शराब की दुकानें होंगी। अभी तक 88 ऐसे वार्ड हैं जहां शराब की कोई दुकान नहीं, लेकिन अब वहां भी शराब बेची जाएगी। इसके अलावा केजरीवाल सरकार हर एक वार्ड में तीन-तीन शराब की दुकानों के हिसाब से कुल दुकानों की संख्या 850 करने जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरकार अब शराब कैसे पी जाए यह भी सिखाएगी। इस काम के लिए पांच स्कूल खोलने का प्रस्ताव है। शायद यह केजरीवाल सरकार की ‘हैपीनेस नीति’ का अंग है 21 साल की आयु वाला भी शराब खरीद सकेगा और दुकाने भी आधी रात के बाद तक खुली रहेगी। अभी तक शराब खरीदने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष थी।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार शराब वितरण में असामनता खत्म करने के लिए दुकानों की संख्या बढ़ाने जा रही है लेकिन उन्होंने कभी भी पानी और शिक्षा की समान वितरण की बात नहीं कही। आज शराब बेचकर केजरीवाल सरकार के बहाने अपनी पार्टी की जेब भरने के काम में जुटे हुए हैं। इन पैसों से वे दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग 500 से अधिक सरकारी दुकानों को निजी हाथों में देकर एक बड़े भ्रष्टाचार की साजिश रची जा रही है, जिसकी जांच होनी चाहिए। गुप्ता ने केजरीवाल से आग्रह किया कि वह दिल्ली में शराब पानी की तरह से बांटने का काम न करें। इससे परिवार बिखरता हैं और लोग इसकी लत लगने से बर्बाद होते हैं।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की नई आबकारी नीति की तुलना दूसरे राज्यों से कर रहे हैं। तुलना अगर करना ही है तो दूसरे राज्यों से तुलना शिक्षा में करें, सड़कों से करें। दूसरे राज्यों में आम जनता तक स्वच्छ जल पहुंच रहा है, उससे दिल्ली की तुलना करें। आखिर केजरीवाल किस हिसाब से तुलना करना चाहते हैं, इन्होंने दिल्ली को पिछले 6 सालों में बर्बाद तो किया ही है और अब इस नई नीति के तहत प्रदेश के युवाओं और बच्चों को भी बर्बादी की राह पर ले जाने की तैयारी में हैं।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि नई नीति में साफ कहा गया है कि शराब की दुकाने बढ़ाई जाएगी ताकि दिल्ली के युवाओं और महिलाओं को शराब आसानी से सुलभ हो सके। उन्होंने कहा कि अब शराब की जांच सरकारी स्तर पर नहीं होगी और उसे भी निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। शराब की कीमत भी इसे बेचने वाले ही तय करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सब सरकार और पार्टी की कमाई को बढ़ाने के इरादे से किया गया है।
भाजपा सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने केजरीवाल सरकार पर नशाखोरी को बढ़ावा देने वाली शराब नीति बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत दो प्रतिशत के कमीशन को 12 प्रतिशत कर देने से ही स्पष्ट है कि केजरीवाल की पार्टी ने अपनी कमाई के स्थायी साधन का इंतजाम कर लिया है। सरकार और पार्टी की कमाई को ध्यान में रखकर तैयार की गई शराब नीति दिल्ली के सामाजिक तानेबाने को बर्बाद कर देगी।
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