अब नही होगी उत्तर प्रदेश में आलू, टमाटर व प्याज की जमाखोरी
Date posted: 13 October 2020
लखनऊ: उ0प्र0 सरकार में प्रदेश में आलू, टमाटर, एवं प्याज के भावों के निर्धारित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए है। राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए है कि आलू, टमाटर व प्याज के भाव की जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए अपने स्तर से तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करे।
इस संबंध में उद्यान विभाग के द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश के अनुसार जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जनपद के निजी शीतगृहों में आलू भण्डारण की अवधि 31 अक्टूबर, तक प्रभावी रखे। आलू प्याज व टमाटर की आवक एवं बिक्री के संबंध मंे प्रभावी कार्यवाही इस प्रकार सुनिश्चित करें कि इनकी जमाखोरी न हो सके। कोविड-19 के संक्रमण के चलते एवं प्रदेश के कुछ क्षेत्रों मंे जल भराव के कारण मौसमी हरी सब्जियों के उत्पादन प्रभावित होने के कारण आलू एवं टमाटर के बाजार भाव में वृद्धि हुई।
उद्यान विभाग के अनुसार प्रदेश में एक अनुमान के अनुसार आलू की औसत खपत लगभग 6.5 लाख मीट्रिक टन प्रति रहती है। वर्तमान समय खरीफ का अन्तिम एवं रबी का प्रारम्भ होने के कारण हरी सब्जियों की आवक बाजार से कम हो जाती है, जिससे आलू की खपत में वृद्धि होना स्वाभाविक है। अक्टूबर माह के लिए शीतगृहों में लगभग 22 लाख टन खाने का आलू भण्डारित है, जबकि प्रदेश में नवम्बर माह के आखिरी सप्ताह में नये आलू की आवक प्रारम्भ हो जाती है। टमाटर एवं प्याज की आपूर्ति अन्य प्रदेशों से आवक प्रभावित होने के कारण स्थानीय स्तर पर जमाखोरी कर अनावश्यक रूप से बाजार भाव में वृद्धि की जाती है। इसके लिए जनपद स्तर पर सभी स्टेक होल्डर यथा शीतगृह स्वामी, स्थानीय आढती, कृषक उत्पादक संगठन एवं उत्पादकों के साथ जिलाधिकारी बैठक करें और बाजार भाव को नियंत्रित रखने की कार्यवाही सुनिश्चित करें।
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