बच्चों को कुपोषण से बचाएगा पोषण पुनर्वास केंद्रः मंगल पांडेय

पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को यहां बताया कि राज्य में पांच साल तक के बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से कटिबद्ध है। श्री पांडेय ने कहा कि इसके तहत राज्य के पोषण पुनर्वास केंद्रों ;एनआरसीद्ध पर सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इन पोषण पुनर्वास केंद्रों पर कुपोषित बच्चों का कई तरीके से देखरेख किया जा रहा है और इसकी मॉनीटरिंग के लिए हाल ही में विभाग ने 34 कम्युनिटी बेस्ड केयर स्टैंडर्ड ;सीबीसीईद्ध तथा 27 फीडिंग डेमोन्स्ट्रेटर ;एफडीद्ध नियुक्त किए हैं। राज्य में 22.09 फीसदी कुपोषित बच्चों की पहचान की गई है। इनमें 8.8 फीसदी बच्चे अति गंभीर हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है।
श्री पांडेय ने बताया कि तैनात सभी सीबीसीई और एफडी कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों तक पहुंचाने में अभिभावकों को जागरूक और प्रेरित करने के साथ-साथ उनके लिए डायट चार्ट उपलब्ध कराएंगे, ताकि बच्चों का वजन और उनकी लंबाई उम्र के हिसाब से विकसित हो सके। साथ ही ऐसे बच्चों का भविष्य में मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक विकास सुनिश्चित हो सके। राज्य में कुपोषित बच्चों की देखरेख और उनके इलाज के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया गया है। इस राशि से कुपोषित बच्चों का इलाज और उनके पौष्टिक आहार की व्यवस्था की जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अलावा आशा कार्यकर्ता और एएनएम की ड्यूटी कुपोषित बच्चों की देखरेख और उनके इलाज में लगाया गया है। न्यूट्रीशन प्रोटोकॉल को मेंटेन करने के लिए आंगनबाड़ी और एनआरसी पर तैनात कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल बंद चल रहे थे। इस वजह से कुपोषित बच्चों की पहचान नहीं हो पा रही थी। अब इस काम को गति दिया जाएगा, ताकि कुपोषित पांच साल तक के बच्चों की लंबाई और वजन को उनके उम्र के हिसाब से लागू किया जा सके।

श्री पांडेय ने बताया कि कुपोषण के शिकार गंभीर बच्चों के इलाज के लिए सभी पोषण पुनर्वास केंद्रों पर सुविधाएं लागू की गई हैं। इन केंद्रों पर बच्चे और उनकी मां के रहने, पौष्टिक भोजन आदि की सुविधा लागू किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण स्तर पर विलेज हेल्थ एण्ड न्यूट्रीशन साइनीटेशन कमिटी की स्थापना की गई है, जहां कुपोषित बच्चों के मां की काउंसलिंग, ट्रीटमेंट और पौष्टिक आहार आदि की व्यवस्थाएं लागू की गई हैं।

Facebook Comments