आजादी के आंदोलन और संविधान निर्माण में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का विशिष्ट योगदान रहा: ललन पासवान

पटना के स्थानीय राजवंशी नगर में न्याय-मंच ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की 135वीं जयंती पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद व युवा वर्ग विषयक पर संगोष्ठी का आयोजन किया! संगोष्ठी कीअध्यक्षता मंच के नीलिमा सिन्हा, संचालन सुमित श्रीवास्तव ने की !
संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के तौर परसम्बोधित करते हुए पूर्व बिधायक ललन पासवान ने कहा कि भारत की आजादी के आंदोलन और संविधान निर्माण में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का विशिष्ट योगदान रहा! वे सरदार पटेल से ज्यादा प्रभावित थे और उनका व्यक्तित्व विद्वत्ता, सादगी, औऱ विनम्रता का परिचायक था! इन्हीं गुणों के चलते देश के प्रथम राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ! आज के युवाओं को डॉ राजेन्द्र बाबू जैसे महान सख्शियत से प्रेरणा लेनी चाहिए! उस दौर में उनकी ईमानदारी और सादगी की चर्चा बिहार में ही नहीं पूरे देश मे होती थी!डॉराजेन्द्र प्रसाद ने चंपारण सत्याग्रह के समय महात्मा गांधी के साथ आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई!

संगोष्ठी को मुख्य रूप से ललन सिंह, नीरज कुमार सिंह, केशव पांडेय, गौरव सिंह बंटी, राजेश सिंह, अभिषेक सिंह, संजीव सोलंकी, जितेन्द्र कुमार, दीपक कुमार, संजय सिंह, आशीष कर्ण, रोहित जीवन, अमित राय ने भी संबोधित किया!

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