किसानों की आमदनी दुगनी होते नहीं देखना चाहता विपक्ष: राजीव रंजन

पटना:  विपक्षी दलों पर अपने स्वार्थ के लिए किसानों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा ” जिन कृषि कानूनों के लिए कभी कांग्रेस और उसके सहयोगी दल खुद पैरवी कर रहे थे, आज उसी के विरोध में इनका खड़ा होना यह साफ जाहिर करता है कि इनके लिए अपनी राजनीति, किसानों के विकास से ज्यादा महत्वपूर्ण है.

किसान देश का अन्नदाता है, लेकिन अपने स्वार्थ में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल आज उन्हें भी नहीं बख्श रही है. दरअसल यह लोग चाहते ही नहीं कि देश का अन्नदाता आगे बढ़े, उनकी आय दुगनी हो. मोदी राज में किसानों को मिली रसोई गैस, बिजली, पानी और आवास जैसी सुविधाएं इनकी आँखों में खटक रही है. यही वजह है कि यह किसानों की आमदनी बढाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों को पटरी से उतारना चाहते हैं. इनकी मंशा उन्हें सदैव गरीब और आश्रित बनाए रखने की है, जिससे उन्हें वोटों की फसल काटने में आसानी हो.”

किसानों को केंद्र सरकार के साथ बताते हुए उन्होंने कहा ” देश के किसान अब कांग्रेस और उसके सहयोगियों द्वारा पोषित इस आंदोलन के खिलाफ लामबंद होने शुरू हो गए हैं. अभी तक दर्जनों किसान संगठन इस कानून के पक्ष में खड़े होकर केंद्र सरकार से इन कानूनों को जारी रखने की सिफारिश कर चुके हैं. किसान जानते हैं कि यह वर्तमान सरकार ही है जिसने पहली बार किसान की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने की दिशा में व्यापक पहल की है. इसी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग द्वारा सुझाये गए लागत प्लस 50% के फार्मूले को लागू करने की हिम्मत दिखाई है.

किसानों की आय दुगनी करने का संकल्प भी इसी सरकार ने लिया हुआ है. इसी सरकार ने किसानों के लिए बीज से बाजार तक के फैसले लिए हैं. आज तकरीबन 10 करोड़ किसानों को 6 हजार सालाना का सम्मान, उनके फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए फसल बीमा और बुजुर्ग किसानों के लिए पेंशन स्कीम और खेती के लिए अलग फीडर की शुरुआत करने का श्रेय भी इसी सरकार को जाता है. किसान जानते हैं कि उनके हित इसी सरकार के साथ सुरक्षित है. इसलिए उन्हें डराने और भड़काने का खेल ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है.”

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