जान-बुझकर संसद बाधित कर रहा है विपक्ष: संजय जायसवाल

पटना: विपक्षी दलों पर जान-बुझकर संसद बाधित करने का आरोप लगाते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता की तरफ देश के बढ़ रहे कदमों से आज पड़ोसी मुल्कों के साथ-साथ विपक्षी दलों का सीना भी दहल रहा है. सरकार के दूसरे कार्यकाल में एक के बाद एक लिए गये ऐतिहासिक फैसलों से सदमे की शिकार बनी विपक्षी पार्टियों को अब अपना अस्तित्व खतरे में महसूस होने लगा है. यही वजह है कि इन्होने देश की प्रगति को रोकने का एकसूत्री एजेंडा अपना लिया है.
उन्होंने कहा कि अपने इसी एजेंडे के तहत इन्होने पहले सीएए पर झूठ फैलाकर देश में उपद्रव करवाने का षड्यंत्र रचा. इन्हीं की शह पर कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर दिल्ली को बंधक बनाने का प्रयास किया गया और अब इसी एजेंडे के तहत तरह-तरह के बहाने बनाकर संसद को बाधित किया जा रहा है. वास्तव में मोदी विरोध में मानसिक संतुलन खो चुका विपक्ष अब खुलकर देश विरोध पर उतर आया है.

डॉ जायसवाल ने कहा कि जिस समय देश कोरोना से लड़ रहा था तब कांग्रेस और उसके सहयोगी संसद में चर्चा करने की मांग कर रहे थे. आज जब संसद का सत्र चल रहा है तो यह लोग उसे चलने नहीं दे रहे हैं. इससे साफ़ है कि इनका मकसद कोरोना की लड़ाई में सहयोग करना नहीं बल्कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए उसे और भड़काना है. इसीलिए संसद को बाधित करके यह इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर देश को भटकाना चाहते हैं.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस और उसके सहयोगियों का विश्वास लोकतंत्र पर कभी रहा ही नहीं. उनके लिए राजनीति पैसे और पॉवर कमाने का जरिया मात्र है. वंशवादी व्यवस्था में पले-बढ़े होने के नाते इनके नेता सत्ता को अपनी जागीर और जनता को अपना सेवक मानते हैं. इसीलिए एक गरीब-पिछड़े परिवार से आने वाले प्रधानमन्त्री मोदी इनकी आंखों में आज तक खटक रहे हैं. इन्हें यह बर्दाश्त ही नहीं हो रहा है कि इनके युवराजों के रहते कोई आम आदमी भला कैसे अपार बहुमत के साथ दो-दो दफे सत्ता के शीर्ष तक पहुंच सकता है. यही वजह है कि अब यह देश के विकास को रोक कर जनता से अपना बदला निकालना चाहते हैं. हर बार इनके बहाने बदल जाते हैं, लेकिन मंसूबा एक ही रहता है.

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