बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना को चरितार्थ कर रहा है विपक्ष: राजीव रंजन

पटना: कृषि कानूनों के वापस लौटने पर ख़ुशी मना रहे विपक्षी दलों पर चुटकी लेते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने आज कहा कि कृषि कानूनों का यह पूरा मामला सरकार और कुछ राज्यों के किसानों के बीच का था. लेकिन विपक्षी दलों की ख़ुशी देखें तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे धरने पर किसान नहीं बल्कि इनके नेता बैठे हुए थे. इनकी यह मनोदशा पूरी तरह से बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की कहावत को चरितार्थ करने वाली है.
उन्होंने कहा कि किसानों का विकास शुरुआत से ही केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार रहा है. इसी सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि के तहत अब तक 10 किस्तों में 1.56 लाख करोड़ रुपए जारी कर चुकी है, जिससे तकरीबन 10 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं. किसानों की फसलों की बेहतर मार्केटिंग के लिए सरकार ने कृषि इंफ्रा स्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए जारी किये जा चुके हैं. सरकार द्वारा आज प्रति बोरी डी एपी पर 1200 रु दिए जा रहे हैं, वहीं गैर-यूरिया उर्वरक की कीमत में 50 रु की कमी भी की गयी है.

महज 7 वर्षों में वर्तमान सरकार ने रबी और खरीफ फसलों की एमएसपी में तीन बार बढ़ोत्तरी की है. वहीं 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की खाद सब्सिडी को सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर करने का निर्णय भी लिया है. याद करें तो 2013-14 में कृषि बजट महज 23 हजार करोड़ रु का था जो 20-21 में 1 लाख 23 हजार करोड़ हो चुका है. सरकार का किसानों के प्रति प्रेम का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है. कृषि कानूनों पर तालियां पीट रहे विपक्ष को चाहिए कि मौजूदा सरकार के कामों से अपने राज के कामों की तुलना करते हुए थोड़ा शर्म करे.

श्री रंजन ने कहा कि यही सरकार है जिसने पहली बार किसानों की आमदनी बढ़ाने का संकल्प लेने की हिम्मत दिखाई है. इसी सरकार ने उनके लिए विभिन्न योजनाओं के तहत घर, बिजली, पानी, रसोई, गैस सिलिंडर आदि की व्यवस्था की. इसी सरकार के कारण आज स्वामीनाथन कमिटी के रिपोर्ट के अनुसार लागत के डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जा रहा है. वहीं बिचौलियों एवं फर्जी किसानो से खरीद बंद करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी की मदद से किसानो से सीधी खरीद की जा रही है. इसके अतिरिक्त इसी सरकार के कारण आज उनके खाते में DBT के माध्यम, से उनके हक के पैसे सीधे जा रहे है. विपक्ष यह जान ले कि उनके अड़ंगे डालने से सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के अपने संकल्प से पीछे हटने वाली नहीं. देश के किसानों की आय हर हाल में बढ़ कर रहेगी.

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