पनकी, मथुरा, जालौन, डिबाई, कालपी, मेरठ, खैर तथा बहजोई भण्डारगृह संचालित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम के तत्वावधान में भण्डारागार विकास एवं निनियामक प्राधिकरण (वी.डी.आर.ए.) में पंजीकृत भण्डार गृहों, पनकी ई.ए., मथुरा न.म., जालौन, डिबाई, कालपी, नवीन मण्डी मेरठ, खैर तथा बहजोई भण्डारगृहों को संचालित किया है, जिससे किसानो की आय को दोगुना किया जा सकेगा। इन भण्डारगृहों चालू हो जाने से किसानों को अपने उपज की भण्डारण की सुविधा मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा किसानों के हितार्थ विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं।
यह जानकारी सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने दी है। उन्होंने बताया कि इन 08 भण्डार गृहों में किसानों के उत्पादों को भण्डारित करने पर किसानों को एन.डब्ल्यू.आर. (निगोशियेबिल वेयरहाउसिंग रसीद) का लाभ प्राप्त होगा, किसान जितना भी अधिसूचित कृषि उत्पाद डब्ल्यू.डी.आर.ए. में भण्डारित करेगा, भण्डारगृह द्वारा उतनी मात्रा की एन.डब्ल्यू.आर. रसीद जारी कर किसानों को उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने बताया कि किसान एन.डब्ल्यू.आर. को बंधक रखकर बैंक से ऋण प्राप्त कर सकेगा अथवा किसी अन्य को देकर उससे एन.डब्ल्यू.आर. में उल्लिखित कृषि उत्पाद का मूल्य प्राप्त कर सकता है। साथ ही डब्ल्यू.डी.आर.ए. योजना के अंतर्गत 13 भण्डारगृहों के पंजीकरण की कार्यवाही प्रक्रिया में है। इन 13 भण्डारगृहों के पंजीकरण हो जाने से भण्डारण की क्षमता में वृद्धि होगी और किसानों को अपनी उपज के भण्डारण में और सुगमता होगी।

श्री वर्मा ने बताया कि किसानों की उपज बेहतर हो और किसानों के उत्पाद का सही मूल्य मिले इसके लिए राज्य सरकार निरन्तर कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम में मूल्य समर्थन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा क्रय किये गये खाद्यान्न का भण्डारण निगम के भण्डार गृहों में भण्डारित कराया जाता है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित वैज्ञानिक भण्डारण के मापदण्डों के अनुरूप ही निगम के गोदामों में खाद्यान्न स्टाक का भण्डारण कराया जाता है।

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