यूपी में दलितों,मुस्लिमों और पिछड़ों को एकजुट करके भाजपा को टक्कर देगी पीस पार्टी
Date posted: 19 August 2021
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश की राजनीति को हमेशा से धार्मिक और जातीय आधार पर बंटी हुई राजनीति कहा जाता है।देखा जाये तो ये सच्चाई भी है ऐसे में उत्तरप्रदेश का चुनावी का विश्लेषण भी जातीय समीकरणों की समीक्षा के बिना संभव नहीं दिखता।बात करे उत्तर प्रदेश की तो यहा पिछडा वर्ग 40 फीसदी,ब्राहमण 20 फीसदी, मुस्लिम वर्ग 18 फीसदी और दलित वर्ग 21.5 फीसदी है।
लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि यूपी में जिस भी पार्टी को 30 फीसदी वोट मिलता है वह प्रदेश में सरकार बनाने में सफल होती है। ऐसे में छोटे-छोटे समीकरण भी पार्टियों के लिए काफी अहम हैं और वह इन जातीय समीकरणों को नजरअंदाज नहीं कर सकती है।इसी विषय पर गाजियाबाद स्थित मीडिया सेंटर में एक प्रेस वार्ता में पीस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुर्जर ने हिंदु मुस्लिम एकता को कायम करते हुये मुस्लिम बहनों से राखी बंधवाकर उनकी रक्षा करने का वादा किया।उसके बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये संजय गुर्जर ने कहा कि पीस पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर प्रदेश की जनता लगातार हजारों की संख्या में पार्टी के साथ जुड ऱही है।जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2022 विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी भाजपा को कड़ी टक्कर देकर सत्ता पर काबिज होगी।बात करे जातिगत समीकरण की तो पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग दोनों लामबंद होकर पीस पार्टी के साथ जुड़ चुका है।जिसकी वजह से हर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छुक लोगों के रोज ही 10 से अधिक लोगों के आवेदन प्राप्त हो रहे हैं।आगामी चुनाव में भारत बचाओ सविधान बचाओ राष्ट्रीय मुद्दा होगा।
आजादी से लेकर आज तक कुछ समाज के लोगों को राजनीति में भागदारी नही दी गयी ऐसे लोगों को पीस पार्टी राजनीति में कुछ कर दिखाने का मौका दे रही है।जिसकी वजह से पीस पार्टी को देश की जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है और बहुत बड़ी सख्या में लोग पीस पार्टी से जुड़ रहे हैं और यही मजबूत आधार पीस पार्टी को सत्ता में लाने का कार्य करेगा।आगे उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग गौरव प्रदेश का गठन होने पर पश्चिमी उतर प्रदेश का विकास होगा और यहाँ की समस्याओं का समाधान होगा।प्रदेश की जनता से अपील है कि वो एकजुट होकर पीस पार्टी के साथ जुड़कर अलग राज्य निर्माण की मुहिम को गति प्रदान करे।अगर पीस पार्टी सत्ता में आती है तो विधानसभा के पहले ही सत्र में अलग राज्य के प्रस्ताव को मंजूरी दी जायेगी।कुछ लोग हिन्दु मुस्लिम एकता को तोड़ कर जाति धर्म की राजनीति करते है ऐसे लोगो का पार्टी विरोध करती है। और भविष्य में इस तरह का माहौल नही बने इस के लिये पीस पार्टी ठोस रणनीति बना रही है।एक सवाल के जबाब में श्री गुर्जर ने कहा कि गाजियबाद के सभी विधानसभा सीटों पर पीस पार्टी चुनाव लड़ेगी , यहाँ बड़ी संख्या मे लोग आवेदन कर रहे हैं।वही एडवाकेट कयूम, भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष रिजवान चौधरी ने पीस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।कुछ लोग शानू प्रधान, महानगर अध्यक्ष मनीषा गौतम,महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष विशाल गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष नवनीत सिह, कपिल शर्मा आदि काग्रेस छोड़कर पीस पार्टी में शमिल हुये।इस अवसर पर गाजियबाद जिला अध्यक्ष हाजी नाजिम ने सभी का स्वागत किया व आगामी समय मे पीस पार्टी को मजबूत करने का संकल्प लिया।पत्रकार वार्ता में पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शिवराज सिंह पंवार, किसान मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष जगबीर सिंह सांगवान,पश्चिमी उतर प्रदेश के महासचिव सुमित नागर, किसान मोर्चा के प्रदेश सचिव रजाउद्दीन सैफी मौजूद रहे।
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