“प्लास्टिक लाओ शिक्षा पाओ” मुहिम से गरीब बच्चों को मिल रही शिक्षा

नोएडा: चैलेंजर्स की पाठशाला में शिक्षा के बदले लिया जाता है कचरा। हाँ हम बात कर रहे हैं नोएडा में स्थापित सेक्टर-22 स्थित चैलेंजर्स की पाठशाला की। जो कि चैलेंजर्स ग्रुप द्वारा पिछले चार वर्षों से संचालित आर्थिक रूप से कमजोर एवं असहाय बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा केन्द्र है। जिसको हम चैलेंजर्स की पाठशाला के नाम से भी जानते हैं। पाठशाला में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे कूड़ा-कचरा बीनकर अपना व अपने परिवार का जीवनयापन करते हैं संस्था की मुहिम “प्लास्टिक लाओ शिक्षा पाओ” का मुख्य उद्देश्य ऐसे कूड़ा-कचरा बीनने वाले बच्चों को शिक्षित करना है।

चैलेंजर्स ग्रुप के संस्थापक प्रिंस शर्मा ने कहा कि हमारा मानना यह है कि इस मुहिम “प्लास्टिक लाओ, शिक्षा पाओ” से जहाँ कभी स्कूल न जाने वाले बच्चों को शिक्षा मिल सकेगी तो वहीं दूसरी तरफ शहर से प्लास्टिक एवं पॉलिथीन कचरा भी कम होगा जो कि पर्यावरण के लिए घातक है। वे बताते हैं कि पाठशाला में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे को मासिक शुल्क के रूप में एकल उपयोग प्लास्टिक कचरे की पाँच बोतल जमा करनी होंगी। ग्रुप से गीतिका ने कहा कि जमा कचरे से हम बच्चों के लिए साज-सज्जा की कार्यशाला आयोजित कराते हैं। ग़ौरतलब है कि शहर के विभिन्न स्थानों पर चैलेंजर्स की पाठशाला चलाई जाती हैं जिनमें झुग्गी-बस्तियों में बसर करने वाले 300 से अधिक बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि इस मुहिम से समाज के लोगों में जागरूकता आएगी।

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