कोरोना की तीसरी लहर के पहले बिहार की तैयारी: डॉ. प्रेम कुमार

बिहार में अगस्त के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के बीच कोरोना के तीसरी लहर आने का अनुमान। स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों की सलाह और देश के पीएम मोदी जी के आगाह पर तैयारी में जुटी बिहार सरकार। स्वास्थ्य विभाग ने दूसरी लहर से सबक लेते हुए राज्य के मेडिकल कॉलेजों, सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 122 ऑक्सीजन उत्पादन इकाई 42 दिनों में खोले जाने की व्यवस्था की है।

जिस पर काम तेजी से हो रहा है। लक्ष्य है कि 30 अगस्त तक सभी उत्पादन इकाइयों में ऑक्सीजन तैयार होने लगें। इसी को ध्यान में रखकर अखिल भारतीय इंदिरा गांधी मेडिकल संस्थान, पटना में 20 किलो लीटर का एक क्रायोजेनिक प्लांट से ऑक्सीजन उत्पादन माह के अंत तक शुरू होगा। इस यूनिट से प्रति मिनट 233 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा जिससे 50 मरीजों को 24 घंटे तक ऑक्सीजन मिल पाएगा। वहीं राज्य सरकार अस्पतालों में वेडो की संख्या बढ़ रही है।अस्थायी टेंट अस्पतालों का निर्माण कराया जा रहा है।

वेंटिलेटर, आईसीयू ,आईसीसीयू बढ़ाया जा रहा है और दवाइयों का स्टॉक किया जा रहा है। 1हजार अस्थाई डॉक्टरों, 30 हजार एएनएम, जीएनएम और पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति। 2,632 सामान डॉक्टर, 3,883 स्पेशलिस्ट, 3270 आयुष डॉक्टरों सहित लगभग 9,800 डॉक्टरों की बहाली की प्रक्रिया चालू है। मेडिकल उपकरण खरीदे जा रहे हैं। 839 मोबाइल वैक्सीनेशन वैन से टीकाकरण को गति दी जा रही है। 6 माह में 6 करोड़ युवाओं को टीकाकरण कराने का लक्ष्य है। साथ-साथ ब्लैक फंगस के मरीज पर 4  ₹5 लाख रूपये खर्च राज्य सरकार कर रही है। 1200 बेड का नए अस्पताल बनाने की तैयारी चल रही है। बच्चों को वैक्सीनेशन की तैयारी भी अंतिम चरण में है। कुल मिलाकर बिहार सरकार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर होने वाली परेशानी,आपदाओं से पूर्व की तैयारी जोरों पर है। हारेगा कोरोना जीतेगा देश बिहार में कोरोना का नहीं बचेगा शेष। बिहार की एनडीए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग को एहतियातन कदम उठाने के लिए बहुत-बहुत बधाई।

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