मन को छु लेने वाली थी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की मन की बात: संजय जायसवाल

पटना: प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की मन की बात के आज आयोजित एपिसोड पर बोलते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा “ प्रधानमन्त्री मोदी के नए साल की पहली मन की बात के कई हिस्से मन को छु लेने वाले थे. खास तौर पर किसान आंदोलन के नाम पर गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगे के हुए अपमान पर उनका दुःख मन को बेध देने वाला था. वास्तव में प्रधानमन्त्री जी की वाणी देश के 130 करोड़ लोगों के मन की बात को बयान कर रही थी. आंदोलन के नाम पर इस तरह का अमर्यादित आचरण न केवल लोकतंत्र का बल्कि पूरे देश का अपमान है. प्रधानमन्त्री जी का दुःख हिंदुस्तान की इसी पीड़ा को बयान कर रहा था.”

उन्होंने कहा “ आज के एपिसोड से यह भी पता चला कि प्रधानमन्त्री मोदी अपने अतिव्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद तकनीक के जरिये देशवासियों के विचारों से किस तरह परिचित रहते हैं. उन्होंने अपने आज के संबोधन में बिहार के सिवान की प्रियंका पांडेय की तारीफ की तथा साथ ही मुंगेर के तारापुर में अंग्रेजों की गोलियों से शहीद हुए देशभक्‍तों को भी नमन किया. गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश के 15 घरेलू पर्यटन स्‍थलों पर जाने की बात से प्रेरित हो प्रियंका ने अपने घर से करीब 15 किमी दूर स्थित देश के पहले राष्‍ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद  के पैतृक घर की यात्रा करने के बाद इसकी जानकारी प्रधानमंत्री जी को नमो‘ ऐप पर दी थी. वहीं मुंगेर के जयराम विप्‍लव  ने भी इसी एप के जरिये जिले के तारापुर में अंग्रेजों की गोलियों से शहीद हुए देशभक्‍तों के बारे में उन्हें बताया था. भारत जैसे विशाल देश में आम जनता द्वारा अपने प्रधानमन्त्री से सीधे संवाद करना और प्रधानमन्त्री द्वारा उसपर प्रतिक्रिया देना, देश में आये बदलाव और लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है.”

मन की बात कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा “ जनता से सीधा संवाद स्थापित करने का पीएम मोदी के इस प्रयोग ने न केवल प्रधानमन्त्री मोदी की लोकप्रियता को बढ़ाया है बल्कि उनके व्यक्तित्व को और ऊंचा मुकाम दिया है. यही वजह है कि उनका यह मासिक कार्यक्रम केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी सराहा जा रहा है. प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में उन मुद्दों को उठाते हैं जिसे किसी परिवार के मुखिया या अभिभावक को उठाना चाहिए. माता-पिता का सम्मानसामाजिक असमानताप्रदूषणकिसानों को दी जाने वाली सब्सिडीसामाजिक समरसतापरीक्षायुवाओं की समस्याओं जैसे विषयों पर अपने प्रधानमन्त्री को बोलते हुए सुनकर देशवासियों में एक नयी आशा का संचार होता है. यही वजह है कि इस कार्यक्रम की लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है.” 

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