हर खेत को पानी पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: डा. महेन्द्र सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने 06 संगठनों के मुख्य अभियन्तओं को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में टेल फीडिंग तथा जहां पानी की कमी रहती है उनको चिन्हित कर किसी अन्य जल स्रोत या स्थानीय नदी से अतिरिक्त जलापूर्ति किये जाने से सम्बन्धित ठोस प्रस्ताव तैयार कर 15 दिन के अन्दर प्रस्तुत की जाये। इसके अलावा अपने तैनाती स्थल से गायब रहने वाले जिलेदार, सींचपालों तथा पतरोल कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर उनके बर्खास्तगी की कार्यवाही शुरू की जाये।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि सिंचाई विभाग को देश का नम्बर एक विभाग बनाने के लिए अपने दायित्वों का पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से पालन करें।

जलशक्ति मंत्री आज यहां तेलीबाग स्थित कमाण्ड सेन्टर, राम मनोहर लोहिया परिकल्प भवन में सिंचाई विभाग की विभिन्न योजनाओं तथा 06 मुख्य अभियन्ता संगठनों के कार्य-कलापों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी नहरों, राजवाहों, अल्पिकाओं, नालों तथा ड्रेनेज की सौ फीसदी सफाई सुनिश्चित की जाये। इसके साथ ही इससे निकलने वाली सिल्ट का जिलाधिकारी से समन्वय कर समुचित निस्तारण सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि नहरों को रोस्टर के अलावा अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए संचालित करें। जिससे किसानों को रबी की बुवाई के लिए पर्याप्त पानी सुलभ हो। उन्होंने यह भी कहा कि जहां पानी की जरूरत हो वहां पानी पहले पहुंचाया जाये।

डाॅ0 सिंह ने कहा कि गत वर्ष नहर सफाई अभियान के दौरान लगभग 47 हजार किमी नहरों की सफाई की गयी थी। जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में जहां पिछले 35 से 40 वर्षों तक पानी टेल तक नहीं पहुंचा था, वहां पानी पहुंचाया गया जिसकी लगभग250 सांसदों एवं विधायकों ने सराहना की। उन्होंने कहा कि नहर के सफाई अभियान के लिए सभी विधायको ंएवं सांसदो को पत्र लिखकर उनसे उनके क्षेत्रों की नहरों एवं पुल-पुलिया आदि की सूची मंगायी गयी है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एमपी, एमएलए तथा मीडिया कर्मियों से सफाई अभियान का शुभारम्भ कराया जायेगा। इसके साथ ही सफाई कार्य की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी तथा जियो-टैगिंग करायी जायेगी। इसके अलावा ग्राम-प्रधानों तथा जन-मानस से सुझाव भी आमन्त्रित किये जायेंगे।

जलशक्ति मंत्री ने 06 मुख्य अभियन्ताओं-शारदा सहायक, रामगंगा, यमुना, गंगा, बेतवा तथा शारदा द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करने के बाद कहा कि उनके द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों का विधिवत् परीक्षण कराकर शीघ्र ही निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने मुख्य अभियन्ताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार भ्रमण, निरीक्षण करके नहरों की स्थिति का अवलोकन, कर्मियों की उपस्थिति तथा अतिक्रमण, पुल-पुलियों की मरम्मत तथा गेटों की स्थितिकी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभियन्ताओं की डिमाण्ड बढ रही है और कार्यक्षमता लगातार घट रही है। उन्होंने अभियन्ताओं को पूरी ईमानदारी और  निष्ठा से कार्य करने की हिदायत दी। इसके अलावा नहर की भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटवाने के लिए अभियान चलाया जाये।

डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि बाराबंकी, बहराइच की सीमा पर स्थित नहरों की स्थिति ठीक नहीं है। पतरौल, जिलेदार, सींचपाल तथा जे0ई0 अपने दायित्वों का ठीक से निवर्हन नहीं कर रहे हैं। सम्बन्धित मुख्य अभियन्ता इस पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होेंने कहा कि मुख्य अभियन्ता अपने दायित्वों का चार्ट बनायें। इसी प्रकार अधीनस्थ अधिकारी भी अपने कार्यों का चार्ट बनाकर उसपर कड़ाई से अमल करें तथा समय-समय पर कार्याें का मूल्यांकन करें। उन्होंने कहा कि बैराजों, नहरों आदि के पुराने गेटो की मरम्मत करायी जाये तथा रेगुलेटर पर जलनिकासी का अनुश्रवण किया जाये। उन्होंने रायबरेली, आगरा, मथुरा जनपदों से प्राप्त शिकायतो ंका संज्ञान लेते हुए कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी सुलभ कराया जाये। इसके साथ ही तालाबों को भरने के लिए गंगा नदी का पानी उपयोग मंे लाया जाये।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि अभियन्ता अपनी अधिकतम् क्षमता का उपयोग नहर प्रणाली की गतिविधियों में और सुधार लाने के लिए हर सम्भव प्रयास करें ताकि इसका लाभ प्रदेश की आम जनता को मिल सके। उन्होनंे कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर खेत को पानी पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं। किसानांे को सिंचाई की भरपूर सुविधा देकर उनकी आमदनी दोगुना करना चाहते हैं। इस दिशा में सिंचाई विभाग की बडी भूमिका हैं सिंचाई विभाग के अभियन्ता अपने दायित्व को समझे और जहां पानी की आवश्यकता हो वहां तक पानी हर हाल में पहुचाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही नहर प्रणाली कीमरम्मत साफ-सफाई एवं नियमित निगरानी पर विशेष ध्यान दें।

अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जलसंसाधन टी0 वेंकटेश ने जलशक्ति मंत्री को आश्वस्त किया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष नहरों की सफाई और बेहतर और सुव्यवस्थित ढंग से करायी जायेगी। इसके लिए कारगर रणनीति बनायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सफाई कार्य का लगातार अनुश्रवण करने के लिए कन्ट्रोल रूम की स्थापना की जायेगी जिसके माध्यम से पूरे प्रदेश में नहरों का सफाई अभियान का अनुश्रवण किया जायेगा। सचिव सिंचाई एवं जलसंसाधन, श्री अनिल गर्ग ने टेल तक पानी पहुंचाने के लिएदिये गये प्रस्तुतीकरण पर ठोस सुझाव एवं निर्देश दिये।प्रमुख अभियन्ता परियोजना वी0के0 निरंजन ने भी प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी।

इस समीक्षा बैठक में विशेष सिंचाई एवं जलसंसाधन, सुश्रीप्रियंका निरंजन व मुश्ताक अहमद, विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख अभियन्ता सिंचाई, आर0के0 सिंह व प्रमुख अभियन्ता ए0के0 सिंह, मुख्य अभियन्ता आई0एस0ओ0, नवीन कपूर के अलावा मुख्य अभियन्ता शारदा सहायक, रामगंगा, यमुना, गंगा, बेतवा तथा शारदा सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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