खनन परिहार स्वीकृति हेतु लंबित आवेदन पत्रों को शीघ्र निस्तारित करें : जैकब

लखनऊ: निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग उत्तर प्रदेश, डाॅ. रोशन जैकब ने समस्त जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि खनन परिहार स्वीकृत किए जाने की व्यवस्थाओं के अंतर्गत जनपद स्तर पर लंबित आवेदन पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही कराते हुए शीघ्र निस्तारण किया जाना सुनिश्चित किया जाए, ताकि उपखनिजों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे तथा मानसून अवधि में खनिजों की उपलब्धता की निरंतरता भी बनी रहें और उनके मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण भी हो सके ।
इस संबंध में उन्होंने अपेक्षा की है  कि खनन  निदेशालय से निर्गत दिशा निर्देशों एवं नियमावली के प्राविधानों के तहत कार्यवाही करते हुए यथा शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश खनिज परिहार नियमावली के अंतर्गत कृषिकीय भूमि पर बाढ़ के कारण एकत्र बालू/मोरम/बजरी/बोल्डर आदि को हटाए जाने के अनुज्ञापत्र निर्गत किये जाने का प्राविधान है। इसी प्रकार नदी तल स्थित निजी भूमि मे उपलब्ध उपखनिजो के रिक्त क्षेत्रों को ई-निविदा प्रणाली के माध्यम से खनन परिहार स्वीकृत किए जाने का भी प्रावधान है।

इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश खनिज परिहार नियमावली-1963 में नया नियम 52ग समावेशित करते हुए नदी तल के इतर के क्षेत्रों पर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन प्रथम अनुसूची में उल्लिखित स्वामित्व की दो गुनी धनराशि जमा किए जाने पर अधिकतम 06 माह की अवधि के लिए भूस्वामी के पक्ष में अनुज्ञापत्र स्वीकृत किए जाने का भी प्रावधान किया गया है।

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