एक नये युग का प्रारंभ है राम मंदिर: डॉ संजय जायसवाल

पटना: राम मंदिर के शिलान्यास को एक नये युग का प्रारंभ बताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा “ 500 साल के संघर्ष के बाद राम मंदिर का होने वाला शिलान्यास भारतवर्ष में एक नये युग का प्रारंभ है. भगवान श्रीराम सिर्फ भारत के ही नहीं थे, बल्कि अफगानिस्तान से लेकर कोरिया, इंडोनेशिया, कंबोडिया और मलेशिया जैसे देशों में भी उनकी गौरव गाथा आज भी सुनाई जाती है. इसके अलावा थाईलैंड और कोरिया जैसे अनेक मुल्कों में तो श्रीराम राजाओं के पूर्वज माने जाते हैं. इससे साफ़ है कि सदियों के बाद रामलला के मंदिर की पड़ने वाली यह नींव भारत में ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में पंथनिरपेक्षता की स्थापना का विरल उदाहरण है.

यह गौर करने की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने एकमत से रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया था. कोई भी न्यायाधीश इस फैसले के विरोध में नहीं थे. इस फैसले से न केवल  आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना वादा पूरा किया है बल्कि भाजपा ने भी अपने दशकों पुराने संकल्प को पूर्णाहुति दी है. हमने कहा था कि न्यायालय के जरिए इस मामले का शांतिपूर्ण हल निकाला जाएगा और आखिरकार वही हुआ. इससे एक बार फिर यह साबित होता है कि भाजपा जो कहती है, वही करती है.”


भूमि पूजन के बारे में बताते हुए डॉ जायसवाल ने कहा “ भूमि पूजन का कार्यक्रम पांच अगस्त को सुबह 8 बजे शुरू होगा जिसमें प्रधानमंत्री मोदी तकरीबन 12 बजे दिन में श्री राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजकर दस मिनट तक 2 घंटा 10 मिनट तक अयोध्या में रहेंगे. भूमि पूजन में प्रधानमंत्री मोदी 40 किलो चांदी की श्रीराम शिला का पूजन करेंगे और इसे मंदिर की नींव में स्थापित करेंगे जिसके साथ ही श्री राम मंदिर निर्माण का शुभारंभ हो जाएगा.

प्रधानमन्त्री मोदी को राम मंदिर निर्माण के नायकों में से एक बताते हुए डॉ जायसवाल ने कहा “ 1990 में जब आडवाणी जी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए रथ यात्रा निकालने की घोषणा की थी तब मोदी जी उस रथ यात्रा के सारथी थे. उन्होंने ही सोमनाथ से शुरू होने वाली उस रथ यात्रा की पूरी योजना बनाई थी. उस समय मोदी जी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे और उनपर ही रथ यात्रा की सारी तैयारियों और भीड़ के नियंत्रण की जिम्मेदारी थी. यात्रा के दौरान मोदी जी ने पर्दे के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यहां तक कि कोई भाषण भी नहीं दिया. उन्हें आधिकारिक कार्यक्रमों और यात्रा मार्ग के बारे में बताने का काम सौंपा गया था. आज उन्ही के नेतृत्व में राममन्दिर का निर्माण होना पूरे देश के लिए सौभाग्य की बात है.”

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