रिकॉर्ड तोड़ गर्मी में रिकॉर्ड तोड़ पानी की कमी ने मार दिया: आदेश गुप्ता

नई दिल्ली:  एक तरफ दिल्ली में गर्मी ने पिछले 90 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है तो दूसरी तरफ राजधानी में पीने के पानी की भारी किल्लत ने लोगों को रुला दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल सरकार की लोगों के लिए पीने का पानी तक सुलभ न करवा पाने के लिए कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि मुफ्त पानी के चक्कर में लोग पानी से ही मुक्त हो चुके हैं।

प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि गत पांच वर्षों से दिल्ली में पानी वितरण केवल पाईप लाइन से करने वाली केजरीवाल सरकार ने जहां पाईप लाइन बिछा दी है, वहां के लोग भी पानी खरीद कर पीने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि एक ओर दिल्ली में बढ़ती गर्मी लोगों को मार रही है तो दूसरी ओर बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं।
श्री गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार कहती है कि दिल्ली के 93 प्रतिशत कॉलोनियों के अंदर पाइपलाइन बिछा दिया गया है तो उसमें पानी क्यों नहीं आ रहा? इतना ही नहीं साल 2014 से पहले जब कांग्रेस की सरकार थी तो पानी टैंकरों पर 1109 करोड़ रुपये खर्च होते थे क्योंकि अधिकांश कॉलोनियों में पानी की सप्लाई नहीं थी, लेकिन केजरीवाल सरकार के अनुसार अगर 93 प्रतिशत कॉलोनियों में पानी की लाइन बिछा दी गई है तो पानी टैंकरों पर 1783 करोड़ रुपये का खर्च होना कई सारे सवाल खड़े करता है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि पिछले 6 सालों में दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली जलबोर्ड को 47000 करोड़ रुपये स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के नाम पर दिए गए और उसका परिणाम अभी भी कुछ नहीं है। दिल्ली की 40 प्रतिशत आबादी के पास अभी भी फिल्टर वाटर नहीं पहुंच पा रहा है। दिल्ली को जितना पानी चाहिए उतना जल बोर्ड पूर्ति ही नहीं करता। दिल्ली जल बोर्ड अभी 25 प्रतिशत कम पानी सप्लाई कर पा रही है। उन्होंने कहा कि पानी के वितरण व्यवस्था में भारी गड़बड़ी है। राजधानी के 40 प्रतिशत इलाके जैसे देवली, संगम विहार, बलजीत नगर, पांडव नगर, तुगलकाबाद, अंबेडकर नगर, करावल नगर और रोहताश नगर इलाकों में पानी नहीं आता। पुरानी नियमित कॉलोनियों जहां पहले 24 घंटे पानी आता था, अब सिर्फ 2 से 3 घंटे पानी आता है।
श्री गुप्ता ने कहा कि पानी की भारी किल्लत होने के बाद भी केजरीवाल सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। सरकार ने पानी के इंतजाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं किया जिससे लोग मजबूर होकर पानी खरीद रहे हैं। जिन क्षेत्रों में टैंकर से पानी सप्लाई होता है, वहां के लोग भी टैंकर माफियाओं को पैसे देने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि हजारों शिकायतों के बावजूद केजरीवाल सरकार या जलबोर्ड ने कभी टैंकर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की बल्कि उन्हें संरक्षण ही दिया है।

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