राजद के साथ महागठबंधन को भी ले डूबेंगे तेजस्वी: राजीव रंजन

पटना: विस चुनाव से पहले राजद में मची भगदड़ के लिए तेजस्वी को दोषी करार देते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा “ पिछले लोकसभा चुनाव की तरह आगामी विस चुनाव में महागठबंधन की दुर्गति तय है, जिसके लिए सिर्फ और सिर्फ तेजस्वी यादव और उनका अहंकार जिम्मेवार होगा. उनके अहंकार के कारण ही आज इनके कई दिग्गज नेता राजद छोड़कर जा चुके हैं और कई अन्य कतार में लगे हुए हैं.

दूसरी तरफ अनुभवहीन नेतृत्व के कारण जमीनी स्तर पर इनके कार्यकर्ताओं का मनोबल साफ़ ध्वस्त हो चुका है. हकीकत में राजद में मची यह भगदड़ महागठबंधन के दलों के लिए खतरे की चेतावनी है. इन दलों के नेताओं को यह समझ लेना चाहिए कि जिस राजद के भरोसे वह एकाध सीटें जीतने का ख्वाब देख रहे हैं, वह एक डूबता हुआ जहाज बन चुका है. इनके साथ रहने से महागठबंधन के बाकी दलों के कार्यकर्ताओं में भी असंतोष फ़ैल चुका है और इस बात की प्रबल संभावना है कि जल्द ही उन्हें भी इसी तरह टूट का सामना करना पड़ सकता है.”

उन्होंने कहा “ याद करें तो तेजस्वी के कमान संभालने के बाद से ही राजद के पतन की शुरुआत हो चुकी है. अनुभवहीनता के कारण न तो इनसे पार्टी संभल रही है और न ही अपना गठबंधन. हर जगह इनके खिलाफ विद्रोह की शुरुआत हो चुकी है. दरअसल राहुल गाँधी की ही तरह तेजस्वी को भी यह समझ में ही नही आता किस समय क्या करना चाहिए. लोकसभा चुनावों में राजद की इज्जत को तार-तार करने के बाद जब इन्हें अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना चाहिए था, उस समय भी यह थकावट मिटाने किसी गुप्त स्थान पर छिपे हुए थे. कोरोना संकट की शुरुआत में तो यह दो महीने तक दिल्ली में दुबके रहे और जब इनकी जमकर फजीहत होने लगी और लोगों ने इन्हें भगोड़ा का ख़िताब दे दिया तो मन मारकर इन्हें यहाँ वापस आना पड़ा. अभी भी इनके रवैए में कोई बदलाव नहीं आ रहा है.”

श्री रंजन ने कहा” राहुल की तर्ज पर तेजस्वी ने भी अपने इर्द-गिर्द हाई-प्रोफाइल सलाहकारों का एक घेरा बना लिया है, जिन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बात काटने में भी देर नहीं लगती. लोग बताते हैं कि तेजस्वी वही करते हैं, जो यह सलाहकार बताते हैं. आम कार्यकर्ता इन सलाहकारों के घेरे को पार कर उन तक अपनी बात तक नहीं पहुंचा सकते. इसी वजह से उपेक्षित महसूस कर रहे इनके दिग्गज नेताओं ने खुल कर अपना असंतोष जताना शुरू कर दिया है. कुछ लोग पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं और कई अन्य कतार में लगे हुए हैं. आगे यह टूट और बढ़ने वाली है.”

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