राजद का हाथ, घोटालेबाजों के साथ: संजय जायसवाल
Date posted: 3 June 2021
पटना: इडी द्वारा राजद सांसद एडी सिंह की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा भ्रष्टचारी और उन्मादी तत्वों के साथ राजद का हाथ इस कदर घुलमिल चुका है कि सत्ता से हटाए जाने के इतने वर्षों बाद भी घोटाले में नपने वाले बिहार के हर भ्रष्टाचारी का इनके साथ घनिष्ठ संबंध आज तक दिखाई पड़ता है. सत्ता को संपत्ति जुटाने का माध्यम मानने वाले इन लोगों से कोई दूसरी अपेक्षा की भी नहीं जा सकती.
उन्होंने कहा कि इडी द्वारा आज गिरफ्तार किये गये अमरेन्द्रधारी सिंह का आम लोग नाम तक नहीं जानते होंगे. इनकी एकमात्र योग्यता केवल लालू परिवार का करीबी होना है, जिसके कारण उन्हें बिहार से राजद कोटे पर राज्यसभा भेजा गया था. इनकी दूसरी योग्यता गरीबों के नाम पर खाद में मिलने वाली सब्सिडी में चुना लगाना था, जिससे अनुमानत: इन्होने बेहिसाब पैसा कमाया है. राजद का घोटालों के प्रति प्रेम देख यह स्वत: समझा जा सकता है कि आखिर क्यों राजद के जमीनी कार्यकर्ताओं पर तवज्जो देते हुए इस तरह के घोटालेबाज को इन्होने राज्यसभा भेजा. जब किसी राजनीतिक दल के टिकट पार्टी कार्यकर्ताओं के बदले पैसों पर दिया जाए तो जाहिर बात है उस दल में घोटाले बाज ही प्राथमिकता पाएंगे, यही वजह है कि राजद के खास परिवार की शह पर आज तक इनके दल में घोटालेबाजों को ही तवज्जो दी जाती है.
डॉ जायसवाल ने कहा कि आज जिस तरह देश में किसी भी भ्रष्टाचार का गड़ा मुर्दा उखड़ने पर कांग्रेस का हाथ स्वत: नजर आने लगता है उसी तरह बिहार में हर घोटालेबाज के तार राजद से खुद ब खुद जुड़ने लगते हैं. इससे साबित होता है कि बिहार में अर्श से फर्श पर आ जाने के बावजूद इनकी मनोस्थिति में कोई फर्क नहीं आया है. आज भी इनके लिए पैसा जनता से बढ़कर है और आगे भी इनमे कोई परिवर्तन नहीं आने वाला.
उन्होंने कहा कि राज्य में भले ही कांग्रेस राजद की बैसाखी पर नजर आती हो परन्तु विचारधारा के मामले में राजद की असली गुरु वही है. चाहे जाति-धर्म पर लोगों को बांट कर जनता पर परिवारवाद थोपना हो या सेवा के नाम पर अकूत धन-संपत्ति अर्जित करना हो, राजद पूरी तरह से कांग्रेस के दिखाए मार्ग पर ही चल रही है. दोनों के युवराजों में भी अच्छी दोस्ती है और दोनों का ही आपदा में लापता हो जाने का पुराना इतिहास रहा है. इसीलिए जब लगातार हार के बाद कांग्रेस नहीं सुधर रही तो राजद भला कैसे सुधर सकती है. लेकिन यह दोनों दल जान लें कि जनता इनका खेला जान चुकी है और आगे भी इनका विपक्ष में ही बैठना तय है.
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