सौरभ भारद्वाज को आदेश गुप्ता के माता-पिता से माफी मांगनी चाहिये: सचदेवा

नई दिल्ली:  दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा एवं प्रवक्ता हरीश खुराना ने आज एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जैसे-जैसे अरविंद केजरीवाल सरकार की योजनाओं और कार्यकलापों की पोल खुल रही है, वैसे-वैसे उनकी राजनीतिक सहनशक्ति खत्म होती जा रही है, अब तो उनकी राजनीतिक मर्यादा के साथ ही भाषा की शालीनता भी क्षीण पड़ रही है। पत्रकार सम्मेलन में मीडिया सह-प्रमुख श्री हरिहर रघुवंशी भी उपस्थित थे।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि जिस तरह कल आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता के माता-पिता को लेकर ओछी राजनीतिक ब्यानबाजी की तो उसी के साथ दिल्ली की सभी स्थापित राजनीतिक मर्यादाओं की हत्या कर दी।
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली की जनता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जानना चाहती है कि वह अपने निकटस्थ साथी सौरभ भारद्वाज के भाजपा अध्यक्ष के माता-पिता को राजनीति में अशालीनता के साथ लिप्त ब्यान से सहमत हैं या नहीं और यदि वह सहमत नहीं हैं तो सौरभ भारद्वाज से कहें कि वह श्री आदेश गुप्ता के माता-पिता से माफी मांगे।
सचदेवा ने कहा कि पिछले वर्ष दिल्लीवालों को दिल्ली के ऐतिहासिक स्थान दिखाने के लिये दिल्ली दर्शन नाम की एक योजना शुरू की थी जिसमें 10 करोड़ रूपये का बजट में प्रावधान किया था, लेकिन केजरीवाल सरकार की नाकामी इसी बात से दर्शाती है कि बजट के 10 करोड़ रूपये में से एक रूपये भी खर्च नहीं किया और इस वर्ष दिल्ली दर्शन योजना ही खत्म कर दी गई और एक भी पैसा आवंटित नहीं किया।
प्रवक्ता हरीश खुराना ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना भी अरविंद केजरीवाल सरकार की अन्य अनेक योजनाओं की ही तरह एक छलावा योजना है। वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव-2020 को प्रभावित करने के लिये अरविंद केजरीवाल सरकार यह तीर्थ यात्रा योजना लाई थी, पर चुनाव से पहले दिसम्बर 2019 के बाद से ही यह योजना ठप्प पड़ी है।
खुराना ने बताया कि दिल्लीवाले आज भी भूले नही हैं कि कैसे केजरीवाल सरकार ने दिल्ली निजामुद्दीन स्टेशन से एक यात्रा जत्थे को दक्षिण के तीर्थाटन के लिये रवाना किया था पर उन्हें सही बुकिंग ना होने के कारण मथुरा में उतार दिया गया।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार लोगों को भ्रमित करने के लिये ऐसे प्रचार करती है कि मानों लाखों लोगों को तीर्थ यात्रा करवाई हो जबकि वास्तविकता यह है कि वर्ष 2019 में केवल 38828 लोग ही मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना से लाभान्वित हुये।
खुराना ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना कितना बड़ा छलावा है, इसका प्रमाण है कि 2018-19 में इस योजना के लिये बजट में 53 करोड़ रूपए आवंटित हुये पर खर्च हुये मात्र 8.15 करोड रूपये, वर्ष 2019-20 में योजना आवंटन था 81.50 करोड़ रूपए पर खर्च हुये मात्र 4.54 करोड़ रूपये।
इसी तरह 2020-21 में आवंटित हुये 100 करोड़ रूपए पर आज तक खर्च हुये हैं शून्य रूपये। अब अचंभा यह है कि सरकार बात कर रही है अयोध्या सहित नये तीर्थ स्थल योजना में जोड़ने की पर 2021-22 के बजट में आवंटन किया है मात्र 15 करोड़ रूपए, जो गत 4 वर्ष में सबसे कम है।
सचदेवा एवं खुराना ने तंज कसते हुये केजरीवाल से सवाल पूछा है कि आज चूंकि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं गुजरात के चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो उन्हें प्रभु श्रीराम याद आ गये, लेकिन केजरीवाल का दोगलापन इसी से दिखाई देता है कि आज तक वो और मनीष सिसोदिया प्रभु श्रीराम के मंदिर अयोध्या में दर्शन करने नहीं गये हैं। यह सब आंकड़े केजरीवाल सरकार की पोल खोल रहे हैं।

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